Wednesday, 29 March 2017
"#सुधर_जाएं_या_उत्तर_प्रदेश_छोड़_दें_गुंडे_माफिया"- #CM_योगी_आदित्यनाथ_जी_महाराज #कहाँ_चले_जाएं_गुंडे_माफिया? #भाग_2 भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी अराजकता को विरासत में पाने के बाद जब महाराज परीक्षित ने धनुष उठाया तथा सेना तैयार कर विजय अभियान पर निकले तो अराजक तत्वों में त्राहि त्राहि मच गयी। #अंत_में_जब_कहीं_छिपने_और_भागने_की_जगह_नहीं_मिली_तो_सारे_विपक्षी_एक_एक_कर_शरणागत_होने_लगे। इसी प्रकार जब भाजपा का विजय रथ चला तो कुछ दुराग्रही लोगों की बात छोड़ दें तो अधिकांश लोग यह मान बैठे कि अब प्रचंड बहुमत मिले या न मिले लेकिन पूर्ण बहुमत आ जायेगा।अधिक निराशावादी लोग भी यह तो मानने ही लगे कि यदि पूर्ण बहुमत नहीं भी आया तो कम से कम सबसे बड़े राजनैतिक दल के रूप में तो भाजपा उभरेगी ही तथा केंद्र में सरकार होने के नाते जब राज्यपाल अपने पद का दुरूपयोग कर छोटे दल तक की सरकार बनवा लेते हैं तो सबसे बड़ा दल हो जाने के बाद भाजपा की सरकार का बनना तो तय ही है। #सत्ता_की_OXYGEN_के_सहारे_जीवन_जीने_वाले_पेशेवर_बाजारू_नेता एक एक कर भाजपा की गोद में लुढकने लगे तथा वक्त की नजाकत को देखकर कहीं अति आत्मविश्वास की गलती का खामियाजा न भुगतना पड़े, इसके नाते भाजपा ने इनको दुलराया भी खूब। फिर चुनाव परिणाम आते आते अथाह बहुमत देखकर सारा प्रदेश हतप्रभ हो गया। #सड़क_पर_गाड़ियों_के_झंडे_बदलने_लगे_तथा_टोपी_और_कुर्ते_के_साथ_गमछे_के_भी_रंग_बदलने_लगे। T N SHESHAN ने IAS और IPS अधिकारियों तथा उनके मातहतों की तुलना नगर वधू से की थी जो दम भर में पाला बदल देती हैं। जिन लोगों को थाने पर भी बैठने की जगह नहीं मिलती थी उनके दरवाजे पर SSP तथा DM हाजिरी देने लगे। सत्ता का नशा शपथ ग्रहण के पहले ही चढ़ने लगा। जब योगीजी के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा हुई तो बची खुची कसर भी पूरी हो गयी तथा #गुंडों_और_माफियाओं_को_स्पष्ट_हो_गया_कि_अब_उनके_लिए_उत्तर_प्रदेश_में_कोई_जगह_नहीं_है क्योंकि रथ पर महाराज परीक्षित की तरह सवार होकर जब योगीजी निकलेंगे तो उनका विनाश सुनिश्चित है। विपक्ष में शरण देने की ताकत नहीं बची है तथा भारतीय कानून में आम नागरिक को वे सभी शक्तियां मिली हुई हैं जो कि सिपाही से लेकर किसी DG या DIRECTOR CBI तक को प्राप्त हैं। वे संपूर्ण शक्तियां सड़क पर मजदूरी करने वाले तक को भी मिली हुई हैं। अगर किसी जगह पुलिस ने ढ़िलाई बरती तो योगी भक्त ही बिना किसी कानून का उल्लंघन किए पुलिस की शक्तियों का खुद प्रयोग कर लेंगे तथा अराजक तत्वों को पकड़कर के उन्हें पुलिस के हवाले कर देंगे। केवल एक ही शक्ति आम जनता के पास नहीं है कि गलत काम करने वाले को गिरफ्तार करने के बाद वह उसे अपने घर में नहीं बन्द कर सकता है तथा उसे नजदीकी थाने को सौंपना होगा। गिरफ्तारी के लिए जितना आवश्यक है उतनी मारपीट करने का अधिकार भी आम नागरिक को मिला हुआ है। #जिन_परिस्थितियों_में_पुलिस_COUNTER_करती_है_उन_परिस्थितियों_में_आम_नागरिक_को_किसी_को_गोली_मार_देने_का_भी_अधिकार_है। भारतीय दंड संहिता की धारा 96 IPC से लेकर धारा 106 IPC तक को कोई नागरिक अपने अधिकारों को जानने के लिए इंटरनेट पर अथवा किताब खरीदकर पढ़ सकता है। ऐसी परिस्थितियों में सरकारी फ़ोर्स के साथ साथ मोदीभक्तों और योगीभक्तों की टीम जब सड़क पर निकलेगी तो अपराधियों की क्या दशा होगी - इसकी कल्पना करके सारे माफिया और अपराधी सिहर उठे। फिर वही परिस्थिति पैदा हुई जो महाराज परीक्षित के सामने आयी । #दिग्विजय_में_सबके_आत्मसमर्पण_कर_देने_के_बाद_कलयुग_हाथ_जोड़कर_महाराज_परीक्षित_के_सामने_खड़ा_हुआ_तथा_उनके_सामने_आत्मसमर्पण_की_मुद्रा_में_चरणों_में_लेट_गया। अपना परिचय देते हुए उसने चर्चा बढ़ाई "नाथ मैं कलयुग हूँ। ये सारे अराजक तत्व मेरे ही अंश हैं। द्वापर युग बीत गया है तथा कालचक्र को मोड़ा नहीं जा सकता है। अब लौट कर सतयुग और त्रेता वापस नहीं आएंगे। किंतु आपके तेज के आगे न तो मैं टिक सकता हूँ और न ही आपका सामना कर सकता हूँ। जब आपका कार्यकाल समाप्त होगा तथा आप इस धरती को छोड़ेंगे तो मैं पुनः जोर शोर से इस धरा पर छा जाऊंगा। मुझे यह बता दें कि मैं कहाँ जाऊं? मैं दुबका हुआ आपके जीवन काल में उसी कोने में पड़ा रहूंगा।" #महाराज_परीक्षित_ने_आदेश_दिया_कि_तुम_स्वर्ण_में_जाकर_वास_करो। जहां कहीं भी स्वर्ण हो, तुम पहुँच जाओ। जो कोई भी व्यक्ति स्वर्ण का मोह करेगा, केवल उसी को कलयुग ग्रसेगा। शेष लोग सतयुग के वातावरण में रहेंगे। कलयुग ने महाराज को प्रणाम किया तथा उनके वचन का पूर्ण रूप से पालन करने का आश्वासन दिया। महाराज जैसे ही अपने रथ में बैठे तथा अपना सोने का मुकुट धारण किये, वैसे ही कलयुग उनके सिर पर जाकर बैठ गया। अगले अंक में यह सिद्ध करूँगा की किस प्रकार कलयुग के रूप में विराजमान IAS,IPS, समस्त विभागाध्यक्ष तथा उनके अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों का अधिकांश भाग प्रजातंत्र में मुख्यमंत्री रूपी राजा के सिर का मुकुट है तथा किस प्रकार इन्ही के बूते पर हर मुख्यमंत्री की शोभा है और #यही_कलयुग_के_साक्षात_वाहक_बनकर_हर_मुख्यमंत्री_के_सिर_पर_चढ़_जाते_हैं तथा जब तक ये सिर पर चढ़ नहीं पाते हैं तब तक हर चुनाव में मुख्यमंत्री पिछली हर सफलता के रिकॉर्ड तोड़ता रहता है तथा जैसे ही कलयुग चढ़कर इस मुकुट में घुस पाता है, वैसे ही ANTI-INCUMBANCY FACTOR का आविर्भाव हो जाता है। कलयुग के मुकुट में घुसने के बाद महाराज परीक्षित ने क्या किया तथा कैसे उस गति से हर भले मुख्यमंत्री को बचना चाहिये यह कथा अगले अंक में।
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