Wednesday, 28 December 2016

मोदी जी के अच्छे दिन आ गए .... (इंस्पेक्टर राज की वापसी)

मोदी जी के अच्छे दिन आ गए ....
(इंस्पेक्टर राज की वापसी)
    मोदी जी जब सत्ता में आये तो नारा लग रहा था कि अच्छे दिन आयेंगे और व्यापारियों ने और बड़े कॉर्पोरेट घरानों ने अपने चंदो से बीजेपी को पाट दिया था जिस से कि मृतप्राय भाजपा में वो जान आ गयी जो सत्ताधारी कांग्रेस पर भारी पड़ी I  जो प्रचार कांग्रेस दस साल सत्ता में रहने के बावजूद नहीं कर पायी वो भाजपा कर ले गयी कारण था मोदी जी आयेंगे अच्छे दिन लायेंगे I जब कांगेस सत्ता में थी तब कच्चा तेल अगर 139 रुपये बैरल था और कांग्रेस को सब्सिडी देकर 72 – 73 रुपये तक जनता को उपलब्ध कराना पड़ा किन्तु मोदी जी के सामने यह मज़बूरी नहीं आयी , मोदी जी उसके एक तिहाई पर तेल पाते रहे और कीमत वही रखी जो कांगेस राज्य में थी I  भारत का औद्योगिक उत्पादन गिरा और लगातार गिरता ही जा रहा है किन्तु मोदी समर्थक यह मानने को नहीं तैयार है की निर्यात के गिरने से और आन्तरिक काले धन को सफ़ेद करने से देश मजबूत नहीं होगा I  उनका वादा था कि विदेशो से काला धन लायेंगे जिस से भारतीय अर्थ व्यवस्था की नीव मजबूत होगी तथा उन लोगो के चेहरे बेनकाब होंगे I जिन्होंने भारतीय अर्थ व्यवस्था को झटका देकर विदेशो में कालाधन जमा कर रखा है किन्तु आज ढाई साल बीतने के बाद उलटी तस्वीर दिखाई देने लगी कि राहुल गाँधी जैसे लोग यह प्रश्न उठा रहे कि स्विस बैंक के जमा कर्ताओ की सूची सदन के पटल पर क्यों नहीं रख रख रहे है I मेरा तो मानना था और है कि मोदी जी गंगा जल की  तरह पवित्र है , बेदाग है किन्तु इस आशंका को जनमानस में बल अवश्य मिलता है कि कहीं न कहीं भाजपा के कुछ क्षत्रप उसमे शामिल अवश्य होंगे जिनके कारण यह सूची सदन के पटल पर नहीं रखी जा रही है, ठीक उसी प्रकार जैसे पहले ललित मोदी बाद में विजय माल्या जैसे अर्थ व्यवस्था को चकनाचूर करने वालो को भारत से भागने दिया गया I यह कतई  मानने योग्य बात नहीं है कि मोदी जी अक्षम थे कि उनको सूचना नहीं रही होगी और इन भारतीय  लुटेरो के द्वारा लुटी गयी भारतीय संपदा को वापस लाना तो दूर, न केवल उन्हें भगाया गया / भागने दिया गया अपितु उसकी भरपाई करने के लिए नोटबंदी का सहारा लिया गया I मैं नोटबंदी का विरोधी नहीं हूँ  किन्तु ऐसी नोटबंदी जिस से भारतीय अर्थ व्यवस्था की रीढ़ टूट जाए एवं इंस्पेक्टर राज की  वापसी हो जाए उसका मैं कतई समर्थक नहीं हूँ I
लोग कहते थे कि इन्कलाब आएगा
नक्साकोहना चमन का बदल जायेगा
    न मालूम था अतिशे गुल से ही
    तिनका तिनका नसेमन का जल जायेगा

क्रमशः 

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