Tuesday, 10 May 2016

मनुवाद का मोदी के SC/ST Act 2016 एवं निजी क्षेत्र में आरक्षण के विरूद्ध संघर्ष का फार्मूला
भाग -2
मनुवादी पार्टी
यदि हम अल्पसंख्यक हैं, तो बहुमत में कौन है ? हरियाणा में गैर - जाट सरकार तथा महाराष्ट्र में गैर - भाजपा सरकार का बन जाना यह साबित करता है कि भारत में किसी प्रान्त में किसी जाति का बहुमत नहीं है | मायावती लोकसभा में 0 हो गईं - केवल तिलक मिट जाने से | भारत में किसी जाति का किसी प्रान्त में - यहाँ तक कि किसी एक सीट पर बहुमत नहीं है |
      यह कहना है कि मनुवाद के नाम पर कोई हमारे साथ नहीं आयेगा - यह भ्रम है | थोक के भाव से अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग, तथा अल्पसंख्यक समाज के लोग हमारे साथ आ रहे हैं | हमारे एक अनुसूचित प्रकोष्ठ के पदाधिकारी को बसपा के कुछ नेताओं ने बहकाने का प्रयास किया कि 'तुम कहाँ फस गए पण्डितों के मकड़जाल में' तो उसने सधा सा उत्तर दिया - 'बहन मायावती से कह दें कि वे सतीश मिश्र तथा अन्य ब्रह्मणों को बसपा से निकल दें - हम मनुवादी पार्टी से इस्तीफा दे कर बसपा में आजायेंगे | वे अपने मतलब के लिए सतीश मिश्र से हाँथ मिलावें तो ठीक है और हम अपने मतलब के लिए मनुवादी पार्टी में शामिल हो तो बुरा है |' बसपा नेता ने पूछा कि 'तुम्हारा क्या मतलब हल हो रहा है' तो उसने कहा - 'मायावती जी किसी को मंत्री बना सकती हैं, लाल बत्ती दे सकती हैं - पर किसी को ग्राम प्रधान, BDC या जिला पंचायत सदस्य या मेयर/चेयरमैन या सभासद नहीं बना सकती | जब प्रधान या किसी अन्य पद की रिजर्व सीट पर 4 S.C. प्रत्याशी लड़ेंगे तो मायावती जी या उनकी पार्टी का विधायक/सांसद/मंत्री उनमे से किसी का भी समर्थन नहीं कर पायेगा क्योंकि उसे चारों के दरवाजे पर वोट मांगने जाना पड़ता है तथा हर गाँव में एक भी SC प्रत्याशी के होस्टाइल हो जाने पर उस बिधायक/सांसद का राजनीतिक भविष्य समाप्त हो जायेगा | इन 4 SC प्रत्याशियों में वह जीतेगा जिसको मनुवादी चाहेंगे | हमारी औकात मंत्री बनने की नहीं है | 80 विधायक + 16 सांसद = 96 सीटों पर 96 व्यक्तियों को ही BSP टिकट दे सकती है | जिस 97वे व्यक्ति को राजनीति करनी है, वह चाहे बहन जी का कितना भी बड़ा भक्त क्यों न हो, उसे बहन जी का साथ छोड़ना है | कोई विकल्प नहीं | इसके अलावा किसी कचहरी में खड़े होकर देख लीजिये | 80% पुकार में चाहे दीवानी हो या फौजदारी, दोनों पक्ष एक ही जाति के होते हैं | दहेज़, दहेज़ हत्या, तलाक का मुकदमा किससे लड़ेंगे ? मकान, दुकान, खेत का बटवारा किससे करेंगे ? इन मामलों में क्या BSP यह खतरा मोल लेगी कि वह एक पक्ष को hostile कर दे ?' यही बात पिछड़ों पर लागू होती हैं | जितने वोट माता प्रसाद पाण्डे प्रदेश में सपा को मिलेंगे, उससे कई गुना यादव हम गली - गली ढूंढ लेंगे | जहाँ 6 यादव प्रधानी में खड़े होंगे, वहां जिस यादव को खुला वोट हम प्रधानी में देंगे तथा चुनाव में प्रचार करेंगे, वह विधायक तथा सांसद के चुनाव में या तो हमारा खुलकर प्रचार करेंगे अन्यथा भविष्य में कभी प्रधान/BDC बनने लायक नहीं बचेंगे | Local Bodies का election जातिवादी शक्तियों की सबसे कमजोर नस है प्रधान/BDC/जिलापंचायत का चुनाव अभी दूर है पर मनुवादी पार्टी विधानसभा के चुनाव 2017 के पहले पिछड़ी/अनुसूचित जाति के प्रधान/BDC/जिलापंचायत के सदस्य घोषित कर देगी | ये समस्त हमें विधानसभा चुनावो में खुला समर्थन देंगे | हर गाँव में पिछड़ा प्रधान प्रत्याशी, पिछड़ा महिला प्रधान प्रत्याशी, पिछड़ा BDC प्रत्याशी, पिछड़ा महिला BDC प्रत्याशी अभी से तय करने जा रहे हैं | इसी प्रकार से 4 अनुसूचित जाति प्रत्याशी उपर्युक्त वेराइटी के हर गाँव में हम तय कर लेंगे | इस प्रकार हर गाँव में 4 जनेश्वर मिश्र के लघु संस्करण तथा 4 सतीश मिश्र के लघु संस्करण हम ढूढ़ लेंगे | जैसे Advocate General/मंत्री बनने के लिए सतीश मिश्र मायावती के साथ खड़े होते हैं, वैसे ही ग्राम स्तर के 4 मजबूत पिछड़े तथा 4 मजबूत अनुसूचित जाति से सम्बंधित लोग प्रधान बनने के लिए हमारे सहचर होंगे |
      अंतिम यक्ष प्रश्न - यदि आरक्षण विरोधी समाज इसी तरह nervous बना रहा तथा वही साथ नहीं आया तो क्या होगा ?
'बाल समय रवि भक्षि लियो
तब तीनहुं लोक भयो अंधियारों' |
मनुवादी पार्टी की शक्ति को शारदा प्रसाद त्रिपाठी बालरूप में अटल जी के सामने प्रदर्शित कर चुके हैं | तब से हम बहुत मजबूत हो चुके हैं | मुख्यमंत्री के रूप में जब राजनाथ सिंह जी हैदरगढ़ से चुनाव लड़े थे, तो अपने सूत्रों से पता कर लें कि R.D. शर्मा कौन थे ? 1400 वोट कांग्रेस पाई थी, 800 वोट अपना दल तथा Zero Budget पर - बिना किसी के दरवाजे पर वोट मांगे - 2800 वोट R.D. शर्मा को मिले थे |

      Israeli अमेरिका में microscopic minority में है | पर वे अपनी terms and conditions American President को dictate करते हैं | ऐसे ही हम यदि जमानत भी न बचा पावें, मात्र 5000 का वोट बैंक प्रति विधानसभा बना पावें तो 'पितु समेत लै - लै निज नामा | करन लगे सब दण्ड प्रणामा | की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी | धरना प्रदर्शन तथा सड़क का संघर्ष धरती पुत्रों का काम है | मनुवादी पार्टी में देव पुत्र नाक दबाकर transferable votebank की साधना कर रहे हैं | transferable votebank (जिसका vote निर्देश पर transfer हो सके) प्रजातंत्र का Atom Bomb है | विभिन्न पार्टियों के heroes जो मंच पर चढ़ कर पानी पी - पी कर मनुवाद को कोसते हैं , वे मनुवादी दरबार में अपनी पार्टी से ticket पक्का होते ही हाजिरी लगाने को मजबूर हो जा रहे हैं | मत घबड़ाओ अपने को अल्पसंख्यक समझकर | जैसे डमरू बजने पर भालू बन्दर नाचने लगते हैं, वैसे ही मनुवादी डमरू बजते ही राजनीति स्वयं नर्तन करने लगेगी | इसके लिए मात्र 1% votebank की जरूरत है, जो transferable हो | जो वोट अभी मनुवाद को समर्पित नहीं हैं किन्तु अपने कारणों से बेचैन हैं हम उन्हें transferable वोट बैंक का प्रशिक्षण दे रहे हैं तथा हरियाणा के जाटों और हार्दिक पटेल के चेलों से अपील कर रहे हैं कि बिना किसी हिंसा के तथा बिना किसी अहिंसा के अपनी वोटों को transferable बनाकर सत्ता को उलट दो भावी सत्ता अपने विनाश के डर से तुम्हारे चरणों में लेटेगी | यह सत्ता के खानदानी शफाखाने की कुंजी है | हमारे पूर्वज जंगल में नाक दबाकर तपस्या करते थे | न कोई ज्ञापन दिया जाता था न कोई धरना न कोई प्रदर्शन | जब कोई महर्षि वरतन्तु का शिष्य कौत्स किसी चक्रवर्ती सम्राट रघु के दरबार में पहुंचता था तो महाराज रघु का ये उत्तर पर्याप्त नहीं माना जाता था कि अभी कल ही आप के भाई बन्दों ने विश्वजित यज्ञ पूरा कराया है तथा मै केवल मूंज की लंगोटी पहने हूँ तथा मेरे पास पहनने को तन पर कपड़े तक नहीं हैं | शिष्य का सपाट सा जवाब आया कि हम कारण पूछने नहीं आये हैं समस्या का समाधान आप का दायित्व है | रघु को निर्णय लेते देर नहीं लगी तथा उन्होंने सेना को आदेश दिया कि कुबेर पर चढ़ाई कर दो | बिना चढ़ाई किये ही कुबेर ने अवस्कता से अधिक स्वर्ण मुद्राएँ अर्पित कर दी | प्रजातंत्र में यह extra constitutional authority बनने के लिए मात्र 1% votebank की जरूरत है जो transferable हो तथा किसी एक केन्द्र के इशारे पर संचालित होता हो | भाजपा ने 2016 में SC/ST Act में एकतरफा संशोधन किये हैं कि किसी सवर्ण या पिछड़े व्यक्ति की बहू बेटी से सामूहिक बलात्कार हो जाये तो भी दसियों साल तक उसे मुकदमा लड़ना पड़े तथा यदि कोई अनुसूचित जाति की महिला को कोई आँख उठा कर देख ले तो इसका जजमेंट स्पेसल कोर्ट को 2 माह के अन्दर देना होगा | यदि कोई सवर्ण या पिछड़ी महिला किसी कामुक पुरुष के इशारों के आगे न झुके तथा वह कामुक पुरुष उस सवर्ण या पिछड़ी महिला के हाथ पैर तोड़ दे तो कानून के अनुसार यह एक साधारण जमानती जुर्म है तथा fracture होने के बावजूद पुलिस को या न्यायालय को ये अधिकार नहीं है कि वे अपराधी को 24 घंटे भी जेल में रख सकें | अधिकतम यह अपराध 325 IPC का बना तथा जमानती जुर्म होने के कारण अभियुक्त को न थाने की हवालात में रखा जा सकता है और न ही जेल में judicial custoudy में | खड़े - खड़े जमानत देने के लिए बिना 10 मिनट भी कस्टडी में रखे बापस लौटने के लिए छोड़ देना - यह पुलिस और न्यायलय की मजबूरी है | इसके विपरीत यदि किसी अनुसूचित जाति की महिला की ओर कोई केवल आँख उठा कर देख ले तो यह गंभीर अपराध है तथा बिना किसी मेडिकल के वह व्यक्ति गंभीर आरोपों से लद उठेगा | स्टेट गेस्ट हॉउस कांड में मायावती जी के स्वयं interested होने के वावजूद सालों तक मुकदमा चला तथा ये विचित्र विडम्बना रही कि उसके अभियुक्त बसपा में चले गए और उसके गवाह सपा में चले गए | यही भारतीय संस्कृत की विशेषता है कि वह समय के साथ घावो के भरने में विश्वास रखती है | यही मनुवाद है | अब दोनों पक्षों के चाहने पर भी वक्त घाव नहीं भर पायेगा तथा कोई सुलह नहीं हो पायेगी फैसला 2 महीने में आ जायेगा | अनुसूचित जाति की महिला की ओर आँख उठा कर देखने वाले व्यक्ति की आँखों में कामुकता तैर रही थी या नहीं - इसके लिए किसी गवाह की आवश्कता नहीं है मात्र उस महिला का व्यान तथा उसका अपना आकलन ही पर्याप्त माना जायेगा | अभी सभी मामलों का फैसला अगर 10 साल में आता है तो कुछ मामलों में स्पेसल जज बना देने पर अन्य मुकदमे देखने के लिए जजों की संख्या और घट जाने के कारण फैसले का समय बढ़कर 20 साल हो जायेगा | यदि इस Act से पीड़ित तमाम सवर्ण और पिछड़े मात्र एक line का निर्णय लेले कि प्रदेश तथा देश को इस तरह का भेद भाव भरा कानून बनाने वाली भाजपा से तथा मोदी से मुक्त कराना है तो 2017 के चुनाव में केवल जितने लोगों पर मुकदमे लंबित हैं मात्र उनके तथा उनके रिश्तेदारों के tactical negative voting कर देने से विधानसभा चुनाव में भाजपा का खाता नहीं खुलेगा | यदि आरक्षण विरोधी तत्व इसमें और सम्मिलित हो जायें और यह मानें कि बाबासाहब अम्बेडकर से 1000 गुना खतरनाक मोदी हैं जो स्वयं बाबासाहब के पुनर्जन्म ले कर मांग करने पर भी आरक्षण को नहीं ख़तम करेंगे तथा प्राइवेट सेक्टर में reservation की आवाज को बुलंद करने वाले रामविलास पासवान को मंत्रिमंडल से निकालने के लिए तथा जिस प्रकार मण्डल कमीशन का खतरा V.P.सिंह के time में मंडरा रहा था उसी प्रकार प्राइवेट सेक्टर में reservation का खतरा पुनः  व्याप्त हो गया है तथा 2019 के पूर्व कभी भी इसके लागू होने की घोषणा हो सकती है तो उन आरक्षण विरोधियों के negative voting का निर्णय लेते ही उत्तर प्रदेश भाजपा मुक्त हो जायेगा तथा 2019 के भयावह परिणामों से बचने के लिए भाजपा मोदी मुक्त हो जाएगी | विद्यार्थियों को सडक पर उतर कर तोड़ फोड़ करने की आवश्कता नहीं है | विद्यार्थियों को कहीं भी धरना प्रदर्शन करने की आवश्कता नहीं है कोई ज्ञापन देने की आवश्कता नहीं है | कौन पढता है ज्ञापन को ? विद्यार्थियों को चाहिए कि अपने माता पिता चाचा बाबा फूफा मौसा साले ससुर बहन बहनोई के दरवाजे पर लेट कर भूख हड़ताल करें तथा यह संकल्प करा कर उठे कि अब वे भविष्य में किसी आरक्षण समर्थक को अपना वोट नहीं देंगे | यह अपने रिश्तेदार न तो लाठी चार्ज कर पाएंगे न तो आंसू गैस के गोले छोड़ पाएंगे और न ही धारा 144 का लाभ इन्हें मिलेगा | 2016 के Act के आधार पर तथा आरक्षण पर मोदी और शिवराज के स्टैंड पर यदि अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्ण शांतिपूर्ण ढंग से 2017 के चुनाव में भाजपा को 0 सीट पर लादे तो भविष्य में कोई मोदी तथा शिवराज सिंह बिना अपनी मानसिकता बदले शीर्ष पर नहीं जा पायेगा | मोदी जी को हम देश के विकास की बात करके हम अपने वोटरों को धोखा दे कर निजी क्षेत्र में आरक्षण और SC/ST Act 2016 लागू करके उन वोटरों की नीद हराम कारने नहीं देंगे जिन्होंने इस धोखे में मोदी और बीजेपी को वोट दिया कि वे विकास करेंगे तथा प्रतिभा पलायन को रोकेगे तथा कम से कम न्याय की बात करेगे पूर्णतया अन्यायी नहीं बनेगे कि अपने ही अपनों का गला काट ले | हम भारत को पुनः प्रतिभा पलायन से मुक्त करके जगत गुरू बनाने का प्रयास करेंगे जिससे भारत पुनः दिग्विजयी बन सके तथा सोने की चिड़िया बन सके |

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