1 -
single facelity universities को बढ़ावा दिया जाय जैसे medical universities,
technical universities, agricultural universities etc | इसी तरह कला, संकाय, आदि
के अलग विश्वविद्यालय खोले जाएँ तथा अपनी field में EMINENCE को वरीयता दी जाये |
2 – job
guarantee को शिक्षा व्यवस्था में ensure किया जाए | अर्थात विश्वविद्यालयों में
उतने ही लोग admissions पायें जितनों के job में adjust किये जाने की क्षमता हमारे
system में develop हो चुकी है | आज लाखों लोग पढ़ कर बेरोजगार हैं | B.TECH , PHD
की DEGREE वाले चपरासी के पद के लिए फ़ार्म भर रहें हैं | यह शिक्षा व्यवस्था का
कोढ़ है | यह देश की श्रमशक्ति के साथ बर्बादी का षड्यंत्र है | इतना लम्बा समय
शिक्षा प्राप्त करने में बर्बाद करने का क्या औचित्य है, जब उनके लायक पद नहीं है
अथवा उनमे उसके लिए योग्यता न पैदा की जा सके |
3 – शिक्षा
रोजगारपरक हो अर्थात ‘अर्थकरी च विद्या’ | जो विद्या अर्थकारी न हो उसे पृथक कर दी
जाए तथा मात्र ACADEMIC INTEREST को PURSUE करने वाले उसे पढ़े जैसे ALREADY job
में लगे लोग जो अपनी योग्यता बढ़ाना चाहते हों अथवा HOUSEWIVES जो WORKING LADIES
नहीं बनना चाहती है तथा सिर्फ ACADEMIC PURSUIT के लिए पढ़ रही हैं अथवा ऐसे बच्चे
जिनके GUARDIANS को यह चेतावनी निर्गत हो कि उनके बच्चे को नौकरी नहीं मिलेगी तथा वह केवल ACADEMIC
INTEREST के लिए पढ़ रहा है |
4 –
प्रतियोगितात्मक परीक्षा के लिए AGE को DRASTICALLY LOWER DOWN कर दिया जाय तथा
उन्हें आवश्यकतानुसार GRADUATION LEVEL COURSE प्रशिक्षण काल में पढाया जाय | जैसे
NDA आदि में SELECTION होता है INTERMEDIATE के बाद वैसे ही सरकारी अस्पतालों,
सरकारी नौकरियों में जितने DOCTORS AND ENGINEERS की जरुरत है, उतने लोग सरकारी
INSTITUTIONS में भर्ती के लिए छांट लिए जांयें तथा उनके लिए सरकारी ENGINEERING
AND MEDICAL universities में पढाई, पुस्तकों आदि की उचित व्यवस्था कराई जाए तथा
यदि वे सरकारी नौकरी न करना चाहें तो या तो वे पढ़ाई का खर्च अपने पास से जमा करें
अन्यथा उनकी DEGREE जब्त कर ली जाएँ तथा उस योग्यता के बूते पर PRIVATE PRACTICE
अथवा PRIVATE job के लिए ENTITLED न रहें | इसी तरह चपरासी और CLERK से लेकर
IAS/etc तक की भर्ती INTERMEDIATE के बाद कर ली जाए तथा FURTHER EDUCATION उनको
TRAINING PERIOD में दी जाए जैसे ARMY
OFFFICERS को NDA के बाद दी जाती है NURSERY, PRIMARY से लेकर universities के
TEACHERS की भर्ती कर ली जाए तथा उनके अलग – अलग TRG/INSTITUTIONS/UNIVERSITY में
उनकी पढाई पूर्ण हो | university education उस विषय की उतने लोगों की दी जाये
जितनो के job की जिस विषय की requirement है |
5 – Pub sector में
जितने लोगों की आवश्यकता हो, उतने के लिए वह sector अपन INSTITUTE खोल ले अथवा
SUITABLE CANDIDATES का अपने स्तर से चयन करें तथा उनके पढाई के खर्च का वहन करें
|
6 – इस
प्रक्रिया से आधी उमर तक पढने तथा उसके बाद बेरोजगारी का कुण्ठित जीवन जीने की
घुटन से देश की जवानी को मुक्ति मिलेगी|
7 – छोटी
नौकरियों के लिए HIGH SCHOOL तथा बड़ी नौकरियों में INTERMEDIATE के बाद SELECTION
कर लिया जाय तथा job पाने के लिए आखिरी AGE LIMIT 18 साल कर दिया जाय | शेष लोगों
के लिए क्या स्वरोजगार हो सकते हैं, इस पर सरकार POLICY बनावे, WHITE PAPER लाये
तथा वे भी अपना दिमाग लगावें | 40 साल तक सरकारी नौकरी पाने की लालच में लाखों लडकें
दिल्ली के मुखर्जीनगर से लेकर हर छोटे – बड़े शहर तथा यहाँ तक कि कस्बों में भी
कोचिंग सेंटरों के शिकार हो रहे हैं तथा माँ – बाप की गाढ़ी कमाई का लाखों रुपया
कोचिंग में, जगह – जगह फ़ार्म भरने में, परीक्षा देने में, टिकने - खाने में तथा
किराए में बर्बाद करते है | उनकी पूँजी भी खर्च हो जाती है तथा अपना कारोबार चालू
करने के लिए भी कुछ नहीं बचता है | माँ बाप खेत, मकान, जेवर बेंचकर या गिरवी रखकर
दलालों के हाथ अपना सर्वस्व लुटा रहे हैं |
8 –
हमारा कार्यक्रम ही आधुनिक वर्णाक्रम व्यवस्था है जिसमें किसी प्रकार की बेरोजगारी
के लिए कोई SCOPE नहीं है |
9 –
हाईस्कूल तक UNIVERSAL EDUCATION हो तथा FREE हो | बच्चो को भोजन, वस्त्र तथा
किताबें सरकारी खर्चे पर PROVIDE की जाएँ |
10 –
सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने के लिए आवश्यक है कि सरकारी कर्मचारी, अधिकारी
तथा किसी भी पार्टी के नेता के लिए यह आवश्यक कर दिया जाए कि उसके बच्चे किसी सरकारी
स्कूल में पढ़े | कानून बनने के बाद यदि किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का बच्चा
किसी गैर – सरकारी स्कूल में पढता पाया जाता है तो मात्र इसी आधार पर उसे तत्काल
सेवामुक्त कर दिया जाए | इसी प्रकार यदि किसी प्राइवेट स्कूल में किसी नेता का
बच्चा पढता पाया जाय तो उसे आजीवन प्रधान से लेकर एम. पी. तक किसी भी प्रकार का
चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य मान लिया जाय | चुनाव में पर्चा भरते ही उससे इस आशय का
AFFIDAVIT लिया जाए कि क़ानून बनने के बाद
उसके बच्चे किसी गैर सरकारी SCHOOL में
नहीं पढ़े है तथा किसी भी STAGE में AFFIDAVIT के असत्य पाए जाने पर उसकी सदस्यता
तथा भविष्य के लिए प्रत्याशी बनने की अर्हता तात्कालिक प्रभाव से समाप्त समझी जाए
तथा बच्चों की DEGREE भी निरस्त कर दी जाए | इतने ही कड़े प्रावधान सरकारी
अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए किये जाएँ | मात्र इस एक संशोधन से बिना किसी
extra – BUDGET, या SUPERVISION के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में स्वतः सुधार आ
जाएगा |
11 – TEACHING
STAFF से कोई भी गैर TEACHING DUTY न ली जाय जैसे PULSE POLIO, आधार कार्ड,
जनगणना, पशुगणना आदि | अपरिहार्य परिस्थिति में आम चुनाव वगैरह में 2 – 4 दिन की
DUTY भले लग जाए और वह भी अन्य विकल्प न होने पर परन्तु शिक्षकों को हर विभाग की
STAPNEY WHEEL न बनाया जाय |
12 –
शिक्षक संस्थानों में RESERVETION सर्वथा समाप्त कर दिया जाय – चाहे वह ADMISSION
के स्तर पर हो या TEACHERS या STAFF के RECRUITMENT के स्तर पर | सर्वाधिक योग्य
विद्यार्थी तथा सर्वाधिक योग्य शिक्षक ही देश के भविष्य की रीढ़ की हड्डी हैं | जब
संवेदनशील अवस्था में बच्चों से जाति प्रमाणपत्र मांगें जाते हैं तथा जाति पूँछी
जाती है, तो देश में जातिवाद कैसे समाप्त होगा |
13 –
नारी – शिक्षा को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाय तथा महिलाओं के विद्यालय जाते
या लौटते समय छेड़खानी की घटनाओं को गंभीरता से नियंत्रित किया जाय |
14 –
शिक्षा पूर्णतया स्टेट द्वारा FUNDED हो तथा निःशुल्क हो |