भाजपा की आरक्षण निति पर एक विहंगम दृष्टि (भाग-5)
प्रोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर जनहित में सुब्रत त्रिपाठी (IPS Retd.) पुलिस महानिदेशक (से.नि.) Advocate- High
court द्वारा मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (बे.शि.),
शिक्षा निदेशक (बे.शि.), समस्त बेसिक
शिक्षा अधिकारियो तथा अन्य पर्यवेक्षक अधिकारियो को निर्गत की गयी लीगल नोटिस का
प्रारूप --
सेवा में-
श्रीमान
शिक्षा निदेशक (बेसिक शिक्षा ) प्र उ..
विद्या भवन, निशातगंज लखनऊ
विषय – पदोन्नति में आरक्षण एवं परिणामी ज्येष्ठता के
विषय में सिविल अपील सं.-
2608/2011 यू.पी. पावर कार्पोरेशन लि. बनाम राजेश कुमार व अन्य
में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश/निर्णय
दिनांक 27.04.2012 के अनुपालन में श्रीमान मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा
जारी आदेश सं.- 8/4/1/2002 टी.सी. – 01 का – 2/2015 कार्मिक अनुभाग -2 लखनऊ दिनांक
– 21 अगस्त 2015 के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग में आरक्षण एवं परिणामी ज्येष्ठता
के अंतर्गत पदोन्नति प्राप्त शिक्षक/शिक्षिकाओं
एवं कर्मचारियों के पदोवनति आदेश निर्गत कराये जाने के सन्दर्भ में मा.
सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना विषयक कार्यवाही प्रारंभ किये जाने के विषय में I
महोदय ,
उपरोक्त आदेश की पूर्ण जानकारी के वावजूद तथा
शासनादेशो के वावजूद उन आदेशो का अनुपालन
ना करा कर के सर्व सम्बंधित द्वारा जानकार मा. उच्चतम न्यायालय की घोर अवमानना की
जा रही है जो कि स्वय में एक दंडनीय अपराध है I इस विषय में सादर निम्न अनुरोध है
--
1. यह है कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ
द्वारा जारी एव आपको निर्देशित उपरोक्त आदेश दिनांक 21 अगस्त 2015 के अनुपालन में
बेसिक शिक्षा विभाग उ.प्र. में पदोन्नति में
आरक्षण एवं परिणामी ज्येष्ठता के अंतर्गत हजारो के संख्या में पदोन्नति
प्राप्त शिक्षक/ शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों के पदोवनति आदेश प्रदेश के समस्त जिला
बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अद्यतन जारी नही किये गए जो मा. सर्वोच्च न्यायालय
द्वारा पारित उपरोक्त आदेश / निर्णय दिनांक – 27.04.2012 की घोर अवमानना है I जहा
बेसिक शिक्षा अधिकारी अवमानना के लिए प्रत्यक्ष रूप से दोषी है, वही पर्यवेक्षक अधिकारी
जैसे सहायक शिक्षा निदेशक, उप शिक्षा निदेशक, संयुक्त शिक्षा निदेशक, अपर शिक्षा
निदेशक तथा शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा
आदि अप्रत्यक्ष रूप से दुष्प्रेरण (ABETMENT) के दोषी है तथा मा. उच्चतम न्यायालय
की घोर अवमानना के पीछे गंभीर निहित स्वार्थ (VESTED INTEREST) के होने की संभावना
को नकारा नही जा सकता है जिसके लिए उन्हें न्यायालय की अवमानना में दण्डित किये
जाने के अतिरिक्त उच्चस्तरीय जाँच करा कर समुचित वैधानिक तथा विभागीय जाँच में दण्डित
किया जाना अपेक्षित है I जहा तक प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा तथा मुख्य सचिव का
प्रश्न है, मा. उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करने के लिए निर्देश
निर्गत करने वावजूद भी वे मा. उच्चतम न्यायालय की अवमानना के दोषी है क्योकि
उन्होंने मात्र आदेश निर्गत कर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ ली तथा समयबद्ध तरीके
से समुचित अनुश्रवण कर न केवल LETTER
बल्कि SPIRIT में मा. उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित नही
कराया I मात्र आदेश निर्गत करने की औपचारिकता का निर्वाह किया गया तथा मा. उच्चतम
न्यायालय के आदेशो की घोर अवमानना के जाती रही तथा प्रमुख सचिव बे.शि. एव मुख्य
सचिव मूक दर्शक बने रहे I बार –बार पक्ष और विपक्ष में कर्मचारीगण सड़क पर उतरे तथा
आन्दोलन किये I इस प्रकार इस प्रकरण की समाचार पत्रों, टेलिविज़न चैनलों तथा
समय-समय पर उभय पक्ष द्वारा प्रेषित किये गए ज्ञापनो की पृष्ठभूमि में प्रमुख सचिव
बेसिक शिक्षा तथा मुख्य सचिव मा.उच्चतम न्यायालय की अवमानना से अनिभिग्य नही काहे
जा सकते तथा वे भी अवमानना के उतने ही दोसही है I
2. यह है कि मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा निस्तारित सिविल अपील न. 2679 / 2011 में योजित
कन्टेम्ट पिटीशन (सी) न. 214 / 2013 श्रीमान मुख्य मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ
द्वारा शपथ पत्र देकर मा. उच्चतम न्यायालय को बताया गया है कि मा. उच्चतम न्यायालय
द्वारा पारित उपरोक्त आदेश /निर्णय दिनांक 27.04.2012 का उत्तर प्रदेश के सभी विभागों
में पालन करा दिया गया है तथा जारी सूची के क्रमांक - 38 पर बेसिक शिक्षा विभाग
उ.प्र. के मात्र 132 कर्मचारियों का पदावनति अंकित किया है जो उच्च अधिकारी संवर्ग
के है तथा प्रदेश के लगभग चालीस हजार से अधिक शिक्षको, अन्य कर्मचारियों एव खंड
शिक्षा अधिकारीयों के पदावनति आदेश जान भुझ कर अद्यतन जारी नही किये गए है, साथ ही
जिम्मेदार अधिकारियो द्वारा प्रकरण को लगातार टाला जा रहा है I इस प्रकार मा. उच्चतम न्यायालय में झूठा शपथ पत्र देकर
माननीय उच्चतम न्यायालय की घोर अवमानना की गयी है I इस प्रकार मा. उच्चतम न्यायालय के साथ जान बुझ कर छल किया गया है जोकि सर्वथा दंडनीय है I
3. यह है कि वर्ष 2015
में जनपद रायबरेली के बछरावा ब्लाक की खंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती विमलेश कुमारी
गौतम को आरक्षण के अंतर्गत पदोन्नति का लाभ देकर माननीय उच्चतम न्यायालय की घोर अवमानना की
गयी है, इसीप्रकार चर्चा है कि प्रदेश के कुछ जनपदों में परिणामी ज्येष्ठता के
अंतर्गत पदोन्नतिया भी की गयी है, जो माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवमानना
है I ऐसे प्रकरणों की न्यायालय के स्तर से सूची तलब करके इसके लिए उत्तरदायी
अधिकारियो को मा. उच्चतम न्यायालय की अवमानना के लिए सामन्यतया दिए जाने वाले दंड
के अतिरिक्त (EXEMPLARY PUNISHMENT) दिया जाना नैसर्गिक न्याय के हित में होगा
4. यह है कि जनपद रायबरेली
में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रायबरेली ने अपने पत्रांक / 1468 -75/2016-17
दिनांक -20.5.16 द्वारा पदोन्नति में आरक्षण एव परिणामी ज्येष्ठता के अंतर्गत
पदोन्नति प्राप्त 407 शिक्षक/ शिक्षिकाओं के पदावनति आदेश निर्गत कर दिए गए थे I
5. यह है कि श्रीमान
सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद इलाहबाद ने श्रीमान शिक्षा निदेशक (बे.शि.)
उत्तर प्रदेश के अविहित पत्रांक संख्या – डी.ई./253-55 /2016 -17 दिनांक – 23 मई
2016 एव आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के पत्रांक – 123 /5 /2016 दिनांक –
23 मई 2016 का उल्लेख करके अपने कार्यालय पत्रांक - बेसिक शिक्षा परिषद/1857 -58 /2016-17, दिनांक
24.5.16 द्वारा श्रीमान जिला बेसिक शिक्षा रायबरेली को निर्देशित कर
सुचना मांगी कि “आप
द्वारा प्रस्तुत किये गए अभिलेखों का परिक्षण किया गया I परीक्षणोंप्रान्त यह
पाया गया कि प्रकरण में यह नही स्पष्ट हो रहा hi कि पदावनत किये गए अध्यापको की
पदोन्नति तिथि क्या थी तथा क्या उनकी पदोन्नति परिणामी ज्येष्ठता के आधार पर की
गयी थी” जो पूरी तरह गलत
और झूठ है तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रायबरेली ने श्रीमान सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक
शिक्षा परिषद् इलाहबाद को बिना कोई सुचना दिए अपने पत्रांक -1700-1707 /2016 -17, दिनांक
28.5.16. द्वारा अपने पूर्व पदावनति आदेश पत्रांक /1468 -75 / 2016 -17 दिनांक
20.5.16.को प्रक्रियागत त्रुटी का उल्लेख कर निरस्त कर दिया जो मा. सर्वोच्च
न्यायालय द्वरा उपरोक्त आदेश/निर्णय दिनांक 27.04.2012 की घोर अवमानना है I
यह कि पदावनत के पूर्व आरक्षण के सम्बन्ध में माननीय
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किसी भी सुनवाई से साफ़ मना कर दिया गया है, इसके वावजूद
शिक्षा निदेशक (बे.) उ.प्र. एव सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् इलाहबाद एव बेसिक
शिक्षा अधिकारी रायबरेली द्वारा आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति उ.प्र. के पत्रों को
संज्ञान में लेकर पदावनत आदेश निरस्त किया /कराया गया, जो माननीय सर्वोच्च
न्यायालय द्वारा पारित आदेश/निर्णय दिनांक 27.4.2012 की घोर अवमानना के साथ –साथ
दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है I
6. यह है की जनपद बहराइच सहित प्रदेश के कुछ जनपदों में जिला बेसिक
शिक्षा अधिकारियों द्वारा मात्र पदोन्नति में परिणामी ज्येष्ठता के अंर्तगत
पदोन्नति प्राप्त कुछ शिक्षक/ शिक्षिकाओं की पदावनति नहीं की गयी है जो माननीय सर्वोच्च
न्यायालय द्वरा पारित उपरोक्त आदेश/निर्णय दिनांक . 27.4.2012 की घोर अवमानना है I
7. यह है की जनपद लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा
पदोन्नति एव परिणामी ज्येष्ठता के अंर्तगत पदोन्नति प्राप्त शिक्षक/
शिक्षिकाओं की पदावनति नहीं की गयी है तथा
खानापूर्ति के नाम पर लगातार प्रकरण को टाला जा रहा है जो माननीय सर्वोच्च
न्यायालय द्वरा पारित उपरोक्त आदेश/निर्णय दिनांक . 27.4.2012 की घोर अवमानना है I
अतः आप से विनम्र
निम्न निवेदन है कि –
(अ)
माननीय
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश/ निर्णय दिनांक 27.4.2012 के अनुपालन में जिन
शिक्षक/ शिक्षिकाओं का पदावनत या आदेश अपेक्षित हो उनके सम्बन्ध में एक सप्ताह में
अनुपालन सुनिश्चित करा कर वेतन फ्रीज करा दिया जाये I
(ब) श्रीमान
मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के आदेश सं. 8/4/1/2002 टी.सी. – 01 का – 2/2015
कार्मिक अनुभाग- 2 लखनऊ दिनांक 21 अगस्त 2015 एव सचिव उत्तर प्रदेश परिषद् इलाहबाद
के पत्रांक – बे.शि.प./8250 -8343 /2015 -16 दिनांक 26.8.15 के अनुपालन हेतु प्रदेश
के समस्त परिषदीय विद्यालयो में कार्यरत शिक्षक/ शिक्षिकाओं के एव कर्मचारियों तथा खंड शिक्षा अधिकारियो ने , जो पदोन्नति में आरक्षण में एव परिणामी
ज्येष्ठता का लाभ दिनांक 15.11.1997 से आज तक प्राप्त किया है, उनकी पदावनति (रिवर्ट)
एक सप्ताह में कराकर सभी का वेतन फ्रीज कराया जाये I
(स) विन्दु अ से ब की कार्यवाही
एक सप्ताह में न कराए जाने की स्थिति में अधोहस्ताक्षरी माननीय सर्वोच्च न्यायालय में
जनहित में शिक्षको के गिरे हुए मनोबल के कारण शिक्षा के स्तर में गिरावट को रोकने
हेतु तथा मा. उच्चतम न्यायालय की गारिमा तथा भारतीय संविधान के सर्वोपरि स्वरूप की
रक्षा हेतु मा. सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना
याचिका योजित करेंगे, जिसके हर्जे, खर्चे आदि की सम्पूर्ण जिम्मेदारी व्यक्तिगत
रूप से आप व निम्न सभी अधिकारियो की होंगी जिनको यह पत्र पृष्ठांकित है I
भवदीय
दिनांक – 07.07.2016
सुव्रत त्रिपाठी IPS (Retd.)
पुलिस महानिदेशक (से.नि.)
Advocate- High Court
मो. 09519259187
पता- 3/279 विशाल खंड गोमतीनगर लखनऊ
प्रतिलिपि – सूचनार्थ व आवश्यक
कार्यवाही हेतु :-
1. श्रीमान मुख्य सचिव
महोदय, उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ I
2. श्रीमान प्रमुख सचिव (बेसिक शिक्षा) उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ I
3. श्रीमान सचिव उत्तर
प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद् इलाहबाद I
4. श्रीमान बेसिक
शिक्षा अधिकारी रायबरेली I
5. श्रीमान बेसिक
शिक्षा अधिकारी लखनऊ I
6. श्रीमान बेसिक
शिक्षा अधिकारी सहरानपुर I
7. श्रीमान बेसिक
शिक्षा अधिकारी प्रबुद्ध नगर I
8. श्रीमान बेसिक
शिक्षा अधिकारी मुजफ्फरनगर I
9. श्रीमान बेसिक
शिक्षा अधिकारी भागपत I
10.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरठ I
11.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी बिजनौर I
12.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजियाबाद I
13.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी पंचशील नगर
हापुड़ I
14.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी
ज्योतिबाफुलेनगर अमरोहा I
15.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी मुरादाबाद I
16.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम बुद्ध
नगर I
17.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी बुलंदशहर I
18.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी भीमनगर संभल I
19.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर I
20.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी बदायु I
21.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी बरेली I
22.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी पीलीभीत I
23.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी अलीगढ I
24.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी मथुरा I
25.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी महामाया नगर हाथरस
I
26.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी काशीराम नगर
कासगंज I
27.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी फरूखाबाद I
28.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी शाहजहापुर I
29.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी लखीमपुर खीरी I
30.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी आगरा I
31.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी फिरोजाबाद I
32.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी एटा I
33.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी मैनपुरी I
34.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी इटावा I
35.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी कन्नौज I
36.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी हरदोई I
37.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर I
38.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी बहराइच I
39.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रावस्ती I
40.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी औरिया I
41.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी जालौन I
42.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी रमाबाई नगर कानपूर
देहात I
43.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी कानपूर I
44.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी उन्नाव I
45.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी बाराबंकी I
46.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी गोंडा I
47.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी बलरामपुर I
48.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी सिद्धार्थनगर I
49.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी झांशी I
50.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी ललितपुर I
51.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी हमीरपुर I
52.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी बाँदा I
53.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी फतेहपुर I
54.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी अमेठी I
55.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी फैजाबाद I
56.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी बस्ती I
57.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी महोबा I
58.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी चित्रकूट I
59.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी कौशाम्बी I
60.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रतापगढ़ I
61.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी सुल्तानपुर I
62.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बेडकरनगर I
63.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी संत कबीर नगर I
64.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी महाराजगंज I
65.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी इलाहबाद I
66.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी जौनपुर I
67.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़ I
68.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखपुर I
69.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी मिर्ज़ापुर I
70.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी संत रविदास नगर
भदोही I
71.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी वाराणसी I
72.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजीपुर I
73.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ I
74.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया I
75.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी कुशीनगर I
76.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी सोनभद्र I
77.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदौली I
78.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया I
79.
श्रीमान बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरठ I
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