Friday, 1 July 2016

भाजपा की आरक्षण निति पर एक विहंगम दृष्टि (भाग-4) मनुवादी पार्टी का 77% बनाम 23% का संघर्ष तथा डॉ राम मनोहर लोहिया के 85% बनाम 15% के संघर्ष का तुलनात्मक विवेचन (भाग-2)----

भाजपा की आरक्षण निति पर एक विहंगम दृष्टि (भाग-4)
मनुवादी पार्टी का 77% बनाम 23% का संघर्ष तथा डॉ राम मनोहर लोहिया के 85% बनाम 15% के संघर्ष का तुलनात्मक विवेचन (भाग-2)----
     अखिलेश सरकार ने मा. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को आंशिक रूप से लागू किया किन्तु बेसिक शिक्षा विभाग में इन आदेशो का कार्यान्वयन सुनिश्चित नही हो सका I यहा तक कि मा. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जिन कार्मिको का वेतन फ्रीज करना चाहिए था उन अवैध रूप से वेतन पाने कार्मिको का वेतन तक फ्रीज़ नही हुआ- अवैध रूप से पदोन्नति पाए कार्मिको की पदावनति तो दूर की कौड़ी है I हम विभिन्न खंड शिक्षा अधिकरियो, बेसिक शिक्षा अधिकारियों, मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद् इलाहबाद, शिक्षा निदेशक बेसिक, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा तथा मुख्य सचिव को इस बात की लीगल नोटिस निर्गत करने जा रहे है कि क्यों न उनके विरूद्ध मा. उच्चतम न्यायालय की अवमानना का मुकदमा चलाया जाये I यह नोटिस जनहित में सुव्रत त्रिपाठी (भूत पूर्व पुलिस महानिदेशक) राष्ट्रीय अध्यक्ष मनुवादी पार्टी की ओर से निर्गत की जाएगी कि शासन द्वारा मा.उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुपालन का नीतिगत निर्णय ले लिए जाने के वावजूद किन निहित स्वार्थो अथवा शिथिलता के कारण निर्णय का अनुपालन नही कराया जा रहा है I हम इस मुकदमे को इसकी तार्किक परिणति (logical conclusion) तक पहुचाएंगे तथा सुनिश्चित करेंगे कि आदेश के अनुपालन में अवरोध उत्पन्न करने वाले अधिकारी जेल के चहारदीवारी के अन्दर हो I जहा तक मुझे जानकारी है कि शासन तथा विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारी भी उचित आदेश दे चुके है किन्तु निहित स्वार्थो / शिथिलता / संलिप्तता के चलते कुछ मध्यम तथा निम्न श्रेणी के अधिकारी फिर भी अवरोध उत्पन्न कर रहे है – नोटिस का प्रारूप निम्नवत है ---

सेवा में--
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
(सम्बंधित जिला का नाम)
विषय – वर्ष 1997 से लेकर आज तक पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लेकर पदोन्नति पाए सभी अनुसूचित जाति एवं जनजाति के शिक्षको का वेतन तत्काल फ्रीज़ करने के सन्दर्भ में I
महोदय,
     निवेदन यह है कि वर्ष 1997 से लेकर आज तक पदोन्नति में आरक्षण एवं परिणामी ज्येष्ठता का लाभ लेकर पदोन्नति हुए अनुसूचित जाति एव जनजाति के शिक्षको का वेतन तत्काल फ्रीज करना सुनिश्चित करे, इस सम्बन्द में दिनांक 21/08/2015 को मु. सचिव उत्तर प्रदेश शासन के पत्रांक संख्या-  8/4/1/2002 पी.सी.टी.सी. ---क 2/2015 एव सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक परिषद् ने दिनांक 09/11/2015 को पत्रांक संख्या बेसिक शिक्षा परिषद् /12872/ 12966/2015 -16 के दौरान आदेश प्राप्त किया जा चुका है कि कृपया सैलरी फ्रीज करने हेतु आदेश की प्रतिलिपि अधोहस्त को प्रदान करने का कष्ट करे, जैसा कि आपको ज्ञात है कि उपरोक्त GEN या ST के निर्णय के आलोक में दिए गए निर्देशों के अंतर्गत आपको संबोधित एवं पृष्ठकित है I
          धन्यवाद
प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु निम्न को प्रेषित ---
1. मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ
2. सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ

3. निदेशक बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश लखनऊ
4.  सचिव बेसिक शिक्षा परिषद् इलाहबाद
5.  मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक  (सम्बंधित मण्डल)
6. जिलाधिकारी (सम्बंधित जनपद)
7. प्राचार्य  जिला शिक्षा  एवं प्रशिक्षण संस्थान (सम्बंधित जनपद)
8. मुख्य विकास अधिकारी (सम्बंधित जनपद)
9. लोकल नोटिस
    


      ऐसी स्थिति क्यों है? लगभग 84 विभागों में इसका पालन हो चुका है क्यों की वहा पर कार्मिको की संख्या कम थी I बेसिक शिक्षा विभाग में लगभग 50 हजार कार्मिको को  पदावनत होना है जिसके चलते उनका तुष्टीकरण किया जा रहा है I अनुसूचित जाति के कार्मिक/शिक्षक अपने वरिष्ठो से लगभग 10- 12 हजार रुपये अधिक वेतन पा रहे है जिससे वरिष्ट कार्मिको/शिक्षको हीनता एवं कुंठा की भावना पनप रही है I मनुवादी पार्टी इस कुंठा एवं हीनता को दूर करने के लिए यह कदम उठाने जा रही है जबकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आने वाले सत्र में 117 वा संविधान संशोधन जोकि राज्यसभा से पारित है को आने वाले सत्र में लोक सभा से पारित कराने की निरंतर घोषणा कर रहे है I वे शायद यह भूल गए है जिन विभागों में भाजपा के इन अत्याचारों से पूर्व में पीड़ित जो कार्मिक पदोन्नति मा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के फलस्वरूप अन्यायी भाजपा के अत्याचारों से मुक्त होकर अवर अभियंता से अधीक्षण अभियंता तक बन चुके है तथा इसी तरह अन्य विभागों में पदोन्नति पा चुके कार्मिको का उनके इस निर्णय से जब पुनः पदावनति होगी तो इन सवर्ण तथा पिछड़े कार्मिको का मत एवं उनके परिवारी जनो का मत जोकि न्यूनतम  1400000×10= 1400000  (एक करोड़ चालीस लाख) उनके विरुद्ध पड़ना तय है क्योकि भाजपा के इस अन्याय की सीधी चोट इन परिवारी जनों के आर्थिक, मानसिक व सामाजिक आघात के रूप में लगेगी I दूसरी तरफ इन सामान्य एवं पिछड़े परिवारों को यह विश्वास हो जायेगा कि अन्यायी भाजपा के इन कुकृत्यो  से उनके बच्चे बैकलॉग एवं परिणामी ज्येष्ठता के सदैव के लिए शिकार हो गए I  अब उनके बच्चे नौकरी अगर किसी तरह पा भी गये तो भाजपा ने अन्याय का परचम लहराते हुए अपने से कनिष्ठो को वरिष्ठ बनाकर उनकी पदोन्नति के रास्ते सदा के लिए खत्म कर दिए I इन हिन्दुत्व के अलमबरदारो द्वारा अग्रजो  एवं अन्त्यजो के बीच में इतने बड़े वर्ग संघर्ष के जन्म दिया जायेगा जोकि हिन्दुत्व सदा सदा के लिए विभाजित हो जायेगा I इसकी  इनको शायद लेश मात्र भी कल्पना नही है कि उनके इस कुकृत्य से कितना बड़ा नुकसान हो जायगा I मुझे तो ऐसा प्रतीत होता है  कि भाजपा रुपी बंदर के हाथ में जो उस्तरा इन अगड़े एवं पिछडो के  तथाकथित  बुद्धिजीवियों  द्वारा पकडाया गया उसी का प्रतिफल है I  इसके लिए हम जन  जागरण तथा न्यालायीय प्रक्रियाओ का सहारा लेकर संघर्ष करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी अत्याचारी अन्यायी सरकार उत्तर प्रदेश में बननी तो दूर, भाजपा एक-एक सीट की मोहताज हो जाये I क्रमशः........      

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