गऊ माता की चीत्कार ...कहा खो गया गोधरा का हीरो
मोदी, खोजो उसको...
जनवाणी ... FIR लिखा दो संघ कार्यालय तथा विश्व हिन्दू परिषद के
कार्यालय में I
प्रतिध्वनि ... ये थाने अब टूट चुके है I
परम पूजनीय गुरूजी गोलवरकर के शब्दों में ...अब
कैसे नमकीन करू ? नमक का ही स्वाद चला गया I
(भाग-4)
एक कैबिनेट मंत्री का बयान सामने आया था कि
बीफ़ के निर्यात पर सरकार सब्सिडी दे रही है तथा इससे स्वाभाविक है कि शासन के स्तर
पर गौ-हत्या को प्रोत्साहन मिल रहा है I कैबिनेट की एक सामूहिक जिम्मेदारी होती है
I किसी भी कैबिनेट मंत्री का बयान पूरी सरकार का बयान होता है I यदि यह बयान गलत
है तो केंद्र सरकार को इसका खंडन करना चाहिए तथा उस कैबिनेट मंत्री का स्पष्टीकरण लेना चाहिए कि
ऐसा बयान उन्होंने किस आधार पर दिया I यदि यह स्थिति सही है तो यह निहायत शर्मनाक
स्थिति है I इसी प्रकार तमाम होटलों में बीफ़ को परोसा जा रहा है I क्या 80 % गौरक्षको
को परोक्ष रूप से गुंडा कहने वाले मोदी जी
कर्तव्य नहीं है कि वे गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए कानून बनाये ? गौहत्या पर
पूर्ण प्रतिबंध लगाना संविधान के नीति निर्देशक सिधान्तो के अंतर्गत आता है I इस
विषय में बनाए हुए कानून को देश के किसी न्यायालय में चुनौती नहीं दी सकती क्योकि ऐसा
करना किसी भी सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है I कोई भी इसपर साम्प्रदायिकता का आरोप नहीं लगा सकता I महात्मा गाँधी ने लिखा
है कि “गौहत्या का प्रश्न मेरे लिए देश की
आज़ादी से बढकर है I” स्वयं आज़मखान तक ने गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने
की मांग की है चाहे इस के पीछे भावना कुछ भी रही हो I मानो केंद्र सरकार को मुंह
चिढाते हुए मांग की है स्वयं केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लाइसेंस के तहत बीफ़ का
एक्सपोर्ट हो रहा है तथा फुटकर मामलो पर
शांति व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है I मनुवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की
हैसियत से मै केंद्र सरकार से निम्न बिन्दुओ पर एक श्वेत पत्र प्रकाशित करने की
मांग कर रहा हूँ –
1. कितना बीफ़ किस-किस देश को निर्यात हो रहा है तथा
इसका लाइसेंस किस सरकार ने दिया था ?
2. इस बीफ़ के निर्यात को रोकने में कौन सी कानूनी
अड़चन है ? उलटे ऐसा करना तो सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है I
3. गायो को काटने के लिए जो कत्लगाह बने है उनके
लाइसेंस किस के कार्यकाल में जारी किये गए तथा उनकी क्षमता बढाने का आदेश किस के
कार्यकाल में जारी हुए ?
4. इन कत्लगाहो का मालिक कौन है तथा ये कत्लगाह
जहाँ गाय काटी जाती है किसकी जमीन पर बने है तथा यह लोग किस पार्टी से
सम्बद्ध है ? तथा किस पार्टी को चंदा देते
है ?
5. जो जो लोग अब तक गायो की तस्करी में पकड़े गए है उनके नाम पते क्या है तथा उनकी राजनितिक
प्रतिबद्धता क्या है ?
6. जिन ट्रकों से गायो को काटने के लिए भेजा जाता
है उन ट्रको के मालिक कौन है तथा उनकी राजनितिक प्रतिबद्धता क्या है ?
7. गौरक्षा की आड़ में अपनी दूकान चलाने वालो को तो
मोदी जी ने गुंडा घोषित कर दिया किन्तु पूर्वांचल में गौतस्करी के आरोप में पकडे
गए व्यक्ति के समर्थन में जिस भाजपा विधायक ने कानून को अपने हाथ में लेकर इस सीमा
तक अशांति फैलाई कि एक भाजपा कार्यकर्ता मर गया, उस गौतस्करी के आरोपियों के
समर्थन में प्राण देने वाले भाजपा कार्यकर्ता तथा भाजपा विधायक के लिए भी कोई शब्द
मोदी जी के पास है I क्या इनकी भी कभी क्लास होगी ? क्या इस बात पर भी कभी विचार
होगा कि गौतस्करों के पक्ष में सड़क पर उतर कर प्राण गवाने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं
तथा भाजपा विधायक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाना कितना आवश्यक है ? क्या
अनुशासन का चाबुक केवल मधु मिश्र और दयाशंकर सिंह के लिए है ? क्या गुंडा घोषित
किये गए गौरक्षको के बाद भाजपा में आगे बढ़ने के लिए गौतस्करों के पक्ष में सड़क पर
उतरना ही भाजपा में सम्मान पाने के लिए एक मात्र मानक बन जायेगा ?
यहाँ मै
पुन: एक बार विकास के अजेंडे पर लौटना चाहता हूँ जो मोदी जी का मुख्य अजेंडा है ?
इस पर गहन समीक्षा होनी चाहिए कि क्या विकास के लिए fundamentals को छोड़ा जा सकता
है ? मनुवादी पार्टी के लोग fundamentalist है I इस शब्द से आज के बुद्धजीवियो को
अलेर्जी है I किन्तु यदि fundamentals को छोड़ दिया जाए जीवन दर्शन के नाम पर कुछ
बचता ही नहीं है तथा मनुष्य मात्र एक मशीन बन कर रह जाता है I आज तमाम अच्छे
होटलों में बीफ़ घोषित रूप से परोसा जा रहा है तथा भाजपा के MP यह लेख लिख कर अपने
को प्रगतिशील शिद्ध करते है कि वे बीफ़ परोसने वाले इन होटलों में अपने मित्रो के
साथ जाकर शाकाहारी भोजन का स्वाद लेते है I किसी गरीब मुसलमान के घर में बीफ़ पाए
जाने की सूचना पर हंगामा काटने वाले नौजवान धर्म योद्धा बीफ़ परोसने वाले होटलों
में शाकाहारी भोजन का स्वाद लेने वाले भाजपाई नेताओं के दरवाजे पर धरना प्रदर्शन
तक नहीं करते I संविधान में नीति निर्देशक तत्व है कि देश में पूर्ण मद्य निषेध हो
I किन्तु बीफ पर तथा शराब पर पूर्ण निषेध इसलिए नहीं लगाया जाता कि इस से विदेशी
पर्यटकों की संख्या में कमी आयेगी I क्या आधुनिक देश बनाने के लिए सेक्स-टूरिज्म को
बढ़ावा दिया जाएगा ? क्या कोवलम बीच तथा गोवा का विकास विदेशी मानको के अनुरूप किया
जाएगा ? क्या मानवाधिकार के मानको पर खरे उतरने के लिए अमेरिका इंग्लैंड तथा
फ़्रांस से भी नरम कानून बनाए रखे जायेंगे ? विकास जरुरी है पर स्वाभिमान तथा
FUNDAMENTALS को ताक पर रख कर नहीं I राणाप्रताप
की परम्परा स्वाभिमान की परम्परा रही है तथा मानसिंह की परम्परा विकास की परम्परा
रही है I यदि राणाप्रताप ने यह भीष्म-प्रतिज्ञा न की होती तो उन्हें घास की रोटी न
खानी पड़ती तथा पिंक-सिटी जयपुर से बढ़िया विकास का माडल बनकर मेवाड़ उभरता –
अब से मुझ को है
हास शपथ
कवि की कविता की
तान शपथ
गायक के मधुमय गान शपथ
महलो के वेश-विलास
शपथ
रमणी के वे मधुमाश शपथ
कट सकते है नख
केश नहीं
जब तक स्वतंत्र
यह देश नहीं
मरने कटने का
क्लेश नहीं
कम हो सकता
आवेश नहीं
जननी तू भी
निज हाथ न दे
कोई भी मेरा
साथ न दे
अरि को न
कभी सोने दूंगा
अरि को
विष-बीज न बोने दूंगा
जब तक कर
है, है भाला
इस प्रतिज्ञा का
परिणाम हुआ कि मेवाड़ में “वन-वन
स्वतंत्रता – दीप लिए फिरने वाले बलवान” के आह्वान पर विकास की गंगा के बहने स्थान
पर उत्सर्ग की गंगा बहने लगी –
हलचल सी मची
परधानो में
विजली सी गिरी
जवानो में
वह भीष्म
प्रतिज्ञा घहर गयी
तत्क्षण अकबर के
कानो में
तथा उत्सर्ग
की गंगा का आचमन करने वाले मेवाड़ को पिंक-सिटी आफ जयपुर भले न बना पाए हो लेकिन –
एक एक इंच धरती तर
थी
बहादुरों के खूनो
से
और उत्सर्ग के इस
गंगा के बहने पर नौजवानों के रोल माडल राणाप्रताप नहीं रह गए बल्कि झाला सरदार हो गए –
राणा बनने की चाह नहीं
मुझ में इतनी है
शक्ति कहाँ
मा तेरी पावन
पूजा में
झाला सा शीश
चढ़ा पाए
मा तेरी पावन पूजा में
हम इतना केवल
कर पाए
विकास की चाह
रखने वालो के घर में आग की लपटों में शीतलता का अनुभव करने वाली पदमिनी नहीं पैदा होती बल्कि अकबर की गोद में खिलखिलाने
वाली जोधाबाई पैदा होती है I अकबर के मीना बाजार का वर्णन करते हुए श्यामनारायण
पाण्डेय ने लिखा है –
कभी हमारी मा
बहनों से
सजता था मीना
बाजार
फ़ैल गया था
अकबर का वह
कितना पीड़ामय
व्यभिचार
शिव के पदोदक की
जगह हालाहल का का स्वाद चखने को तैयार चूडावत सरदार की हाडारानी किसी मीना बाजार
में पेश नहीं की जा सकती और न ही कोई पापी उसको अपने सामने पेश होने का आह्वान कर
सकता है क्योकि उसके उत्सर्ग का परिणाम होता है कि –
चूडावत ने तन भूषित
कर
युवती के सिर की
माला से
खलबली मचा दी
मुगलों में
अपने भीषणतम भाला से
आज देश भीषण
परिस्थतियो से गुजर रहा है I हम विकास चाहते है किन्तु गौमांस बेच कर नहीं I
हम विकास चाहते है किन्तु मंच पर चढ़ कर कोई यदि दुष्साहस करे कि हमारी बहू-बेटियों
को अपने सामने पेश करने का आह्वान करने की हिमाकत करे तथा मीना बाजार के दिनों की
याद दिलाये तो हम विकास के लिए यह कीमत देने को तैयार नहीं है I यदि कोई साध्वी
चार बच्चे पैदा करने का आह्वान करे तो संघ तथा भाजपा से जुड़े लोग उसकी क्लास ले -
विकास के लिए हमें यह शर्त मंजूर नहीं है I कॉमन सिविल कोड लागू करने में हो सकता है कि कुछ व्यवहारिक
कठिनाईयां हो किन्तु हिन्दुओ पर एक तरफ़ा परिवर्नियोजन लागू करने का प्रयास किया
जाए – यह स्वभिमान का हनन है I यदि कोई साध्वी चार बच्चे पैदा करने की बात करती है तो
उसका मजाक कोई धर्म-निरपेक्ष नेता करे – यहाँ तक गनीमत है किन्तु संघ परिवार तथा
भाजपा से जुड़े वरिष्ठ लोग यह कह कर मजाक उडाये कि औरत बच्चा पैदा करने की फैक्ट्री
नहीं है तो यह संवाद दुखद है I एक तरफ़ा परिवार नियोजन के कानून लागू कर विकास का
माहौल पैदा करना भ्रामक है I हमारा अनुरोध है कि विकास की आंधी में स्वाभिमान उड़ने
न पाए I