Friday, 12 August 2016

गऊ माता की चीत्कार ...कहा खो गया गोधरा का हीरो मोदी, खोजो उसको.....

गऊ माता की चीत्कार ...कहा खो गया गोधरा का हीरो मोदी,  खोजो उसको...
जनवाणी ... FIR लिखा दो संघ कार्यालय   तथा विश्व हिन्दू परिषद के कार्यालय में I
प्रतिध्वनि ...  ये थाने अब टूट चुके है I
परम पूजनीय गुरूजी गोलवरकर के शब्दों में ...अब कैसे नमकीन करू ? नमक का ही स्वाद चला गया
मोदी ने गोरक्षको के बारे में जो बयान जारी किया है वह ह्रदय को स्तब्ध कर  देने वाला है I जयशंकर प्रसाद ने कामायनी में जो लिखा है, वह विकास की गंगा में गोते लगाने में तल्लीन मोदी पर शत-प्रतिशत चरितार्थ होता है -    
  मनु तुम श्रध्दा को गए भूल 
  उस पूर्ण आत्मविश्वासमयी को,
उड़ा दिया था समझ तूल II  
तुम ने तो समझा असत विश्व,
जीवन धागे में रहा झूल I
जो क्षण बीते सुख साधन में,
 उनको ही वास्तव लिया मान I
वासना तृप्ति ही स्वर्ग बनी,
यह उलटी मति को व्यर्थ ज्ञान II
जब गूंजी यह वाणी तीखी,
कम्पित करती अम्बर अकूल
मनु को जैसे चुभ गया शूल II
ऐसा ही शूल हर गौभक्त के ह्रदय में चुभा होगा जब उसने मोदी का यह बयान पढ़ा कि 80% गौरक्षक आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है तथा रात के अँधेरे में वे अपराध करते है  तथा दिन में गौरक्षा का नाटक करते है I मै मोदी जी से कुछ  प्रश्न पूछना चाहता हूँ –
1.   अगर यह तथ्य सही है तो आप को सत्ता में आये एक अच्छा समय बीत गया तथा अधिकांश प्रदेशो में आपकी सरकार है I  यदि आदरणीय मोदी जी का बयान सही है तो देश की जनता तथा देश का संविधान यह प्रश्न पूछता है कि अब तक किसी बीजेपी शासित  सरकार ने भी एक प्रतिशत (1%) गौरक्षको पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की है ?
        अमित शाह ने जैसे कहा था कि कालाधन वापस लाने वाला बयान तथा अच्छे दिन लाने वाला बयान  मोदी का एक जुमला था,  उसी प्रकार क्या गौभक्तो के बारे में दिया यह बयान मात्र दलितों एवं अल्पसंख्यको से छल करके उनका वोट लेने के लिए गढ़ा एक जुमला है ? यदि यह सत्य है तो  अब तक दर्जनों साल से मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार है  तथा दर्जनों साल से गुजरात में भी स्वय मोदी की तथा उसके बाद उनके उत्तराधिकारीयो की सरकार थी, अब तक किसी गौभक्त के विरुद्ध 1% मामले में भी किसी बीजेपी सरकार ने कठोर कार्यवाही तो दूर नरम से नरम कार्यवाही तक नहीं की I मै यह नहीं मान सकता कि मोदी जी इतने पतित हो सकते है कि भारतीय संविधान की हत्या करके 80% गौभक्त अपराधो में लिप्त रहे हो तथा मोदी जी ने 1% के विरुद्ध भी कार्यवाही नहीं की हो तथा इस प्रकार के अपराधो में लिप्त गौरक्षको को खुला संरक्षण दिया हो, तथा अपराध करने की छूट दिए हो – यह बात मै मोदी जैसे व्यक्तित्व के बारे में नहीं सोच सकता I
       जिस प्रकार दिग्विजय सिंह तथा राहुल गाँधी का मानना है कि महात्मा गाँधी की हत्या संघ ने करायी (जिस से मै सहमत नहीं हूँ ) उसी प्रकार मै यह मानने को तैयार नहीं हूँ कि अपराधिक मामलो में   लिप्त 80 % गौरक्षको को मोदी या शिवराज तथा वसुंधरा राजे जैसे लोगो या संघ प्रमुख जैसे लोगो ने नंगा संरक्षण दिया हो I मेरी समझ में नहीं आ सकता है कि संघ की जिन शाखाओ में चाल-चरित्र और चेहरा बदलने की बात लड़कपन से सिखाई जाती है  वहा पर अपराधो की आड़ में गौरक्षा का नाटक करने वालो पर संघ या बीजेपी का हाथ होगा – यह मेरी समझ से परे है किन्तु मोदी जी ने जो बयान दिया है उसका एक ही अर्थ फलित होता है कि संघ परिवार ने अपराधो में लिप्त गौरक्षको को संरक्षण दिया तथा अब,  जब पूर्ण बहुमत की सरकार आ गयी है तो उसे 2 तिहाई  की सरकार बनाने के लिए अल्पसंख्यको तथा दलितों की आवश्यकता है इसी लिए दलितों की ओर अल्पसंख्यको को जाल में फ़साने के लिये यह मीठी गोली दी जा  रही है तथा जिन गौरक्षको पर बीजेपी भक्तो तथा मोदी भक्तो का गर्व था, वे अब इन्हें कूड़ेदान में फेंक देना चाहते है I यह दृष्टि परिवर्तन (attitudinal change)  इतना आसान नहीं है I चीते की सवारी करके कोई चीते से उतर नहीं सकता और यदि उतरेगा तो चीता उसे खा जायेगा I अगर यह तर्क के लिए मान भी लिया जाए तो अधिकांश  वोट विकास के नाम पर मोदी को मिला तो भी आरएसएस के आलोचक तक को यह स्वीकार करना चाहिए कि भगवा ध्वज को नित्य सलामी देने वाले तथा हाफ पैंट पहनने वाले तपस्वियों और मनीषियों से प्रभावित लोगो तथा राममंदिर और गौभक्ति में आस्था रखने वालो के वोट बैंक भी कुल वोट का 50 % न हो  तो भी कम से कम  का 30 -40 % रहा ही होगा I यह 30 -40 % वोट बैंक आज बच्चो को पैदा करने वाली फैक्ट्री बनाने का आरोप लगाकर कर जिन साध्वीं का अपमान  हुआ है उनकी ओर  आशा भरी नजरो से देख रहा है तथा गौरक्षपीठाधीश्वर की ओर टकटकी लगा कर देख रहा  है कि लब जेहाद के विरुद्ध अभियान छेड़ने  वाला महापुरुष मोदी की किस विद्या से, मोदी के  किस जादू-टोने  से,  किस फर्जी या सच्चे आश्वासन से, मौन धारण किये हुआ है I जैसे प्रियंका  में लोग उनके पिता राजीव गाँधी की मासूम छवि न ढूढकर उनकी दादी इंदिरागांधी की दबंग छवि के दर्शन करना चाहते है, उसी प्रकार योगी आदित्य नाथ के चेहरे में लोग महंत अवैद्यनाथ की सोम्य,शालीन तथा  पूजनीय छवि को न ढूढकर बाबा दिग्विजय नाथ की तेजस्वी छवि को ढूढना चाहते है, जिनकी एक हुंकार मात्र से दिल्ली में जवाहर लाल  नेहरु तक हिलने लगते थे I आज गौरक्षा तथा गौभक्तो  के बारे में दिए गए इस ह्रदय विदारक  बयान पर साध्वी प्राची, ऋतंभरा, तोगडिया  तथा बाबा बाबा आदित्यनाथ चुप क्यों है ? क्यों नहीं मुखर हो पा रहे –यह चिंता का विषय है –
     “फिर दिशाए मौन है, उत्तर नहीं है I”
 संघ परिवार भी मोदी की हा में हाँ मिला रहा है I यह देश का दुर्भाग्य है कि मोदी के पास वशिष्ठ की भूमिका निभाने वाला कोई  वशिष्ठ नहीं बचा I संघ परिवार की भूमिका मात्र चंदरबरदाई की रह गयी है, जो लड़ाई का भविष्य पूछने पर पृथ्वीराज के सामने रुधे गले से उनके भविष्य का चित्रण करता है –
बांधि लियो  चामुंड है,
हत्यो सुमति कैमास I
संभरीष साम्राज्य की
करत तऊ पै आस II
यह स्थिति बनी रही तो 2019 के आते आते लोकसभा चुनावो में इस 30 – 40 % के मौन हो जाने पर मोदी की  वही स्थिति होगी, जो पृथ्वीराज के तराइन के मैदान में हुई थी तथा  विश्वनाथ प्रताप सिंह और अटल बिहारी बाजपेई की आरक्षण मुद्दे को लेकर  भारतीय राजनीति के प्रांगण में हुई थी I जिस डाल  पर बैठे है, उस डाल को काटना कभी शुभ नहीं होता है I स्वय मोदी,  शिवराज एव वसुंधरा राजे द्वारा 1 %   गौरक्षको पर भी कार्यवाही न करना इस बात का प्रमाण है कि 80 % गौरक्षको को अपराधी बताना मात्र एक जुमला है, एक झूठ का पुलिंदा है तथा किसी हताश निराश विपक्ष के नेता की मुख से निकलने पर तो सहा  जा सकता है किन्तु पूर्ण बहुमत के प्रधानमंत्री के मुख से इतना बडा झूठ शोभायमान नहीं है I जो भी कांड आज तक हुए है उनपर मोदी जी एक आयोग बैठा  दे तथा 10% गौरक्षक भी यदि पेशेवर अपराधो में  लिप्त पाए जाये तो मै सार्वजानिक रूप से इस लेख के लिए क्षमा याचना करने तथा इण्डिया गेट या किसी भीड़ भरे स्थान पर कान पकड़ कर क्षमा याचना करने को तैयार हूँ I किन्तु किसी जज की अध्यक्षता में बैठाये गए  जाच आयोग में यदि 10 % गौरक्षक भी गौरक्षा से जुड़े अपराधो में लिप्त न पाए जाये तो मोदी को भी टीवी पर तथा संसद में न केवल सार्वजानिक रूप से क्षमा याचना करनी चाहिए बल्कि इसका प्रायश्चित भी करना चाहिए I गउ – माता इतनी असहाय नहीं है I ईश्वर न मरा है , न सेवा निर्वृत्त हुआ है,  न उसने त्याग पत्र दिया है, न ही उसके खिलाफ अविश्वास का को प्रस्ताव पारित हुआ है I प्रभु स्वयं शाश्वतधर्मगोप्ता है I वे स्वयं अवतरित होंगे तथा गाय के सम्मान की और  गौभक्त  के सम्मान की रक्षा होंगी I
2.   यदि बीजेपी शासित राज्यों में किसी संकोच वश  कोई कार्यवाही न की गयी हो तो UP में श्री मुलायम सिंह यादव तथा श्री अखिलेश यादव की सरकार मिलकर 8 साल तक चली जिनको  संघ से जुड़े लोग बड़े प्रेम से मुल्ला मुलायम सिंह यादव कहते है I 5 वर्षो तक मायावती की भी पूर्ण बहुमत की सरकार रही I  दिल्ली में तथा अन्य प्रान्तों में कांगेस  की सरकार रही I  बंगाल में पहले कम्युनिस्टो की सरकार रही उसके बाद ममता बनर्जी की सरकार रही,  जो  कि दोहराई भी गयी,  जिनको बड़े सम्मान से संघी “जेहादी दीदी” के नाम से संबोधित करते है I केरल में लगातार कम्युनिस्टो एवं कांग्रेस की सरकार रही I आन्ध्र में चंद्राबाबु नायडू की सरकार रही  , जिनके ससुर N.T. RAMAROV गेरुवा कपडे में नमाजियों के बीच में खड़े होकर नमाज अदा करने लगते थे I अधिकांश प्रान्तों में स्वयं लंबे समय तक   ऐसे पार्टियों की की सरकार रही, जिनकी विचारधारा को संघ से जुड़े लोग “छद्म धर्म निरपेक्ष” कहते है, किन्तु किसी  भी सरकार में गौरक्षा के आन्दोलन से जुड़े 1% लोगो पर भी किसी सरकार ने कठोर तो दूर, नाम मात्र की  कार्यवाही भी  नहीं की I “HOLIER THAN THOU?” के चलते आज मोदी  जी इतना गन्दा बयान दे रहे है, जितना गन्दा बयान आज तक   किसी आजम खान, ओवैसी, राहुल गाँधी, दिग्विजय सिंह , ममता बनर्जी,  किसी भी  कम्युनिस्ट नेता, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती आदि एक भी नेता ने नहीं दिया था I क्या हो गया है हमारे धर्म राज युधिष्ठिर को कि वह गउ-माता तथा गौरक्षको की मान प्रतिष्ठा तथा गरिमा को तुष्टीकरण के जुए में द्रोपदी की भांति दाव  पर लगा रहे है I यह भारत के लिए बुरे दिनों की शुरुआत है काश अच्छे दिन आवें या न आवें – हमारे सामान्य दिन लौटा दिये जाये -  इतने गंदे दिन हमे न देखने को मिले I

3.   गुरु जी गोलवरकर ने लिखा है कि यदि नमक का स्वाद चला जाये तो कैसे  नमकीन करेंगे ? यदि चीनी  का स्वाद चला जाये तो मिठास कहाँ से लावोगे ? गुरूजी  आरएसएस को नमक मानते थे, जिस से राजनितिक चरित्र को नमकीन किया जा सके I आरएसएस को चीनी  मानते थे,  जिस से राजनितिक चरित्र में  मिठास लायी जा सके I आज आरएसएस मोदी की आवाज में हाँ में हाँ मिला रहा है तथा यह स्पष्ट है कि वह समय भी आ गया है कि जब नमक का स्वाद चला गया I अब कोई चीज नमकीन नहीं की जा  सकती I अब चीनी का स्वाद गया तथा किसी चीज  में मिठास लाना संभव नहीं है I यह राष्ट्रीय  चरित्र के क्षरण का एक स्पष्ट सबूत है कि विपक्ष द्वारा शासित राज्यो में भी  1% गौरक्षको के आपराध में लिप्त  न होने के स्पष्ट आकंड़ो के बावजूद संघ परिवार एक स्वर में गौभक्त तथा गौरक्षको को बदनाम कर रहा  है I क्रमशः 

No comments:

Post a Comment