Sunday, 14 August 2016

गऊ माता की चीत्कार ...कहा खो गया गोधरा का हीरो मोदी, खोजो उसको...(भाग-3)

गऊ माता की चीत्कार ...कहा खो गया गोधरा का हीरो मोदी,  खोजो उसको...
जनवाणी ... FIR लिखा दो संघ कार्यालय   तथा विश्व हिन्दू परिषद के कार्यालय में I
प्रतिध्वनि ...  ये थाने अब टूट चुके है I
परम पूजनीय गुरूजी गोलवरकर के शब्दों में ...अब कैसे नमकीन करू ? नमक का ही स्वाद चला गया I
(भाग-3)
     मोदी से यह अपेक्षा की जाती थी कि वे इस आशय के बयान और निर्देश जारी करे कि यदि कही पर 1% गौरक्षक गौरक्षा के अपने अधिकारों का अतिक्रमण करते दिखे अर्थात् किसी को पकड़ कर मारते पिटते अथवा जान से मारते पाए जाए तो कानून को अपना काम करना दिया जाए और विधि के प्रावधानों के अनुसार उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए किन्तु राज्य सरकार का यह दायित्व है कि वह ऐसी स्थिति न पैदा करे  कि गौरक्षको को कानून अपने हाथ में लेने की आवश्यकता पड़े I कही से सुचना मिलने की आवश्यकता ही नहीं है – खुल्लम-खुल्ला हर जिले के व्यस्ततम चौराहे से तथा सबसे चौड़ी सडको से ये गाड़िया गुजर रही है I यह एक तरह से राष्ट्रीय अस्मिता को खुले आम चुनौती दे रही है I गौरक्षा नीति-निर्देशक तत्वों में वर्णित है I गाँधी ने लिखा है कि गौरक्षा का प्रश्न मेरे लिए स्वराज से बढकर है I गायो की तस्करी की गाड़िया साम्प्रदायिक सदभाव को भी नष्ट कर रही है I प्रदेश मुख्यालय तथा मण्डल मुख्यालय पर विशेष टोलिया गठित की जाए जो विभिन्न स्थलों पर छापे मारे तथा जिस किसी भी जगह गायो की तस्करी पकड़ी जाए वहा के थानाध्यक्ष से लेकर पुलिस अधीक्षक तक सम्पूर्ण अधिकारियो का सत्यनिष्ठा प्रमाण पत्र  अवरुद्ध कर दिया जाए और उनके खिलाफ विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही भी प्रस्तावित की जाए I गंभीरता से जाँच की जाए कि –
 गायो की तस्करी से जुडी ये गाड़िया किस ट्रांसपोर्ट की है ? इस प्रश्न का उत्तर बहुत चौकाने वाला होगा I इन गाडियों के मालिक किन पार्टियों से जुड़े है – यह निर्देश जारी कर केंद्र सरकार राज्य सरकारों से जवाब क्यों नहीं मांग रही है ? इसका जवाब है –
         ख़त जो आया है वहां से
         बंद रहने दो उसे I
          उस में पोशीदा हमारी
          जिन्दगी का राज है II
अभी आपने देखा कि पुलिस ने बलिया में एक तस्कर के खिलाफ जब मुकदमा कायम कराया तो उसके विरोध में नरही थाने  पर फेफना विधायक उपेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में धरना दे रहे भाजपायियो तथा पुलिस के बीच  भीषण झड़प हुई I पशु-तस्करों के समर्थन में न तो आजम खान आये और न ही मुल्ला कहे जाने वाले मुलायम सिंह I इस दौरान हुए पथराव के बाद पुलिस फायरिंग में एक भाजपा नेता की मौत हो गयी I अगर अखिलेश यादव साहस कर के मात्र एक श्वेत पत्र जारी कर दे कि विभिन्न सरकारों में पिछले 20 वर्षो में किन-किन लोगो की  पशु तस्करी में गिरफ़्तारी हुई है तथा किन किन की गाड़िया पकड़ी गयी है और कौन कौन से ट्रांसपोर्टर इस में लिप्त है तो तमाम पूजनीयो के चेहरे से नकाब उठ जायेगा I एक वेश्या अपने स्वगत में जो कहती है वह चरितार्थ हो जायेगा -     
      जो मेरी छाया के
       छू जाने के डर से
       मंदिर में मस्जिद में
       रहते दिन भर छिपते I
       रातो में वे आकर
        चरणों में लेटा करते
        मै लखती हूँ उनको
         कुछ भय से संशय से I
          आँखे ये फैला कर  
      दो मंजिल के उपर II
       कामी जिस जग ने मेरी
     लज्जा को है छीना
     जिस के धोखे में यह
      लतिका है आधीना
      जो मेरे अधरों की
       मदिरा पर जीता है
       वह वंचक ही मुझको
      कहता है अकुलीना II
      उल्टी चाले जग की
       देखा हूँ मै करती
      आँखे ये फैला कर
       दो मंजिल के उपर II
 मोदी जी के गौभाक्तो को चेतावनी देते-देते मोदी भक्तो में इतना जोश आ गया कि वे पुलिस के भीषण अत्याचार के तमाम मुद्दों को छोड़कर पशु-तस्करी के आरोप में मुकदमा दर्ज किये जाने के विरोध में अपने जीवन का बलिदान तक दे दिए तथा यह नौबत आ गयी कि एक ADM समेत 11 पुलिसकर्मियों के विरुद्द हत्या का मुकदमा कायम हो गया तथा राज्य सरकार को डीएम तथा यस.पी. को निलंबित करना पड़ा I आज तक इतना  तगड़ा हल्लाबोल पशु तस्करी के मामले में किसी मुलायम या आजम खान के चेले ने भी नहीं किया I जिस व्यक्ति पर पशु तस्करी का आरोप था उसका नाम है चंद्रमा यादव , थानाध्यक्ष है राजेश यादव तथा मुख्यमंत्री है अखिलेश यादव I  ऐसी हालत में यह कॉमन सेंस के विपरीत है कि अखिलेश यादव के राज्य में थानाध्यक्ष राजेश यादव किसी चंद्रमा यादव को किसी गलत मुकदमे में फसायेंगे और वह भी विशेष रूप से पशु तस्करी के  I मोदी जी को यह कड़े निर्देश देने चाहिए थे कि गौ-तस्करों पर कार्यवाही हो तथा इसमें सहयोग देने के लिए यदि गौ भक्त कोई सुचना देते है तो या अन्य किसी प्रकार का सहयोग करना चाहते है तो उसे सहर्ष स्वीकार किया जाए तथा यदि किन्ही 1% मामले में वे कानून का अतिक्रमण करते पाए जाते है तो उनके विरुद्ध कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाए ...क्रमशः


No comments:

Post a Comment