रायबरेली के घटनाक्रम को आप लोगों ने समाचार
पत्रों में विस्तार से पढ़ा है कि किस
प्रकार
इतने जघन्य अपराध में भी मृतकों के परिजनों के घाव पर मरहम लगाने की जगह उन पर नमक छिड़का जा रहा है। स्वामी
प्रसाद मौर्य जैसे वरिष्ठ नेता बयान दे रहे हैं कि
उनकी पिछली आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच कराई जाएगी। जिस किसी भी ब्राम्हण या अन्य जाति के
संवेदनशील व्यक्ति को इस घटना से कष्ट हो उस
से अपील की जाती है कि
1 मृतकों की ब्रह्म भोज की तिथि का पता करके आप सभी को शीघ्र सूचित किया जाएगा तथा उनके अकाउंट नंबर भी पोस्ट के माध्यम से सूचित किए जाएंगे। मनुवादी पार्टी में क्योंकि Zero पैसे का चंदा है तथा यदि कोई स्वेच्छा से भी डोनेशन करना चाहे तो उसको ग्रहण करने या संकलन करने का निषेध है, अतः आपसे निवेदन है कि अपना एक दिन का वेतन या पेंशन या अन्य किसी खेती या व्यापार से औसतन जो 1 दिन की आमदनी होती हो उस को 5 टुकड़ों में बांट कर पांचो खातों में सीधे दानस्वरूप तथा सहयोग स्वरूप डालने का कष्ट करें। किसी भी संगठन के माध्यम से यदि यह धनराशि दे दी जाएगी तो मृतकों के परिजनों को वह नैतिक बल नहीं मिलेगा जो तमाम लोगों के माध्यम से प्राप्त छोटी-छोटी धनराशि से मिलेगा। इससे समाज के उतने हिस्से का नैतिक समर्थन मिलने से उनका आत्मबल मजबूत होगा तथा ब्राम्हण द्रोहियों का मनोबल गिरेगा।
2 जिस दिन उन मृतकों के यहां बाल बनवाने की तारीख होगी उस दिन समस्त ब्राम्हण जनों से तथा उन पर आस्था रखने वाले हिंदू कर्मकांड में विश्वास रखने वाले अन्य सज्जनों से अनुरोध है कि वे उस तारीख को अपना तथा अपने परिवार के समस्त यज्ञोपवित धारियों के सिर के बाल छिलवा दें तथा इस पूरे भारतवर्ष या विदेश में जहां कहीं भी उनके शुभचिंतक हो उनसे ऐसा करने का अनुरोध करें। बाल छिलवाते समय की फोटो और बाद की फोटो अपनी अपनी id से अपनी अपनी पोस्ट पर डाल दें तथा छिले हुए बाल को तीन हिस्सों में बांटकर एक एक हिस्सा क्रमशः प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा को कुरियर कर दें तथा यह ज्ञापन भी दें कि या तो इस मामले की CBI जांच कराई जाए अन्यथा इस मामले की जांच में स्थानीय पुलिस पर विश्वास तभी कायम होगा जब स्वामी प्रसाद मौर्य को बर्खास्त कर इस मामले की जांच की जाए।इसके अलावा मृतकों के परिजनों को एक एक करोड़ रुपये सहायता राशि के रूप में स्वीकृत किया जाए।
इससे शासन में बैठे हुए तथा 2019 का चुनाव लड़ने वाले समस्त दलों के ब्राम्हण द्रोही मानसिकता वाले नेताओं का हौसला पस्त होगा और आप सब का मनोबल बढ़ेगा क्योंकि आत्मविश्वास से ही मनोबल बढ़ता है।
3 जो ब्राह्मण विपक्ष के किसी राजनैतिक दल में हों वे अपने बनवाये हुए बाल के चार टुकड़े कर के एक टुकड़ा तथा ज्ञापन अपने पार्टी के राष्ट्रीय हाईकमान को कूरियर कर दें कि वे इस मामले पर अपना रुख तत्काल स्पष्ट करें तथा ये बताएं कि वे घटनास्थल की visit करने तथा परिजनों को सांत्वना देने के लिए कब समय निकाल रहे हैं।
शासक दल अथवा विपक्षी दल के जो लोग अपने हाईकमान से प्राप्त response से संतुष्ट न हों वे अंतरात्मा की आवाज पर उस दल से त्यागपत्र दे दें।
4 ब्रह्म भोज की तारीख को प्रतीकात्मक रुप से अपने यहां एक गोष्ठी बुलाएं तथा सामूहिक भोजन करें एवं भविष्य की रणनीति तय करें।
हम क्या थे,अब क्या हो गए,
और क्या होंगे अभी?
आओ विचारें आज मिलकर,
ये समस्याएं सभी।।
सिद्धान्त अपना पलट देंगे,
डार्विन साहब यहां।
हो क्षुद्रकाय अबोध नर,
बन्दर बनेंगे जब यहां।
“मैथिली शरण गुप्त”
डार्विन साहब ने विकास के सिद्धांत को प्रतिपादित किया था कि किस प्रकार बन्दर विकसित हो कर मनुष्य बना था। अब किस प्रकार से विकसित मनुष्यों को बन्दर बनाने की तैयारी हो रही है- ये हर गावँ में, हर कस्बें में तथा हर चौपाल में ब्रह्मभोज के दिन आयोजित गोष्ठी का एजेंडा होगा।
सिर की टोपी को पैर की जूती बनने से कैसे रोकें इसपर चिंतन मनन किया जाए।
चिंतन मनन में आये बिंदुओं को अपनी अपनी id से समस्त भाग लेने वाले लोग अपनी अपनी post पर डालें। इससे आपकी संकल्प शक्ति का लोगों को एहसास होगा तथा अकेलेपन की भावना दूर होगी और ब्राह्मण द्रोहियों के हौसले पस्त होंगे।
यह अत्यंत कष्ट का विषय है कि सत्ता की तरफ से किसी ने मलहम नहीं लगाया है। उल्टे स्वामी प्रसाद मौर्य जले पर नमक छिड़क रहे हैं।
5 समस्त ब्राह्मण सभाओं से अनुरोध किया जाता है कि वे अपने अपने स्तर से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दें अन्यथा परशुराम जयंती पर फरसा चमकाने का उनका नैतिक अधिकार समाप्त हो जाएगा। ध्यान रहे कि मैंने कई विस्तृत लेखों में लिखा है कि जमदग्नि परशुराम के पिता हैं।
जमदग्नि का गला कटने पर ही किसी परशुराम का उदय होता है। अब वह stage आ रही है।
समस्त बंधुओं से पुनः सहयोग के लिए अपील की जाती है।
1 मृतकों की ब्रह्म भोज की तिथि का पता करके आप सभी को शीघ्र सूचित किया जाएगा तथा उनके अकाउंट नंबर भी पोस्ट के माध्यम से सूचित किए जाएंगे। मनुवादी पार्टी में क्योंकि Zero पैसे का चंदा है तथा यदि कोई स्वेच्छा से भी डोनेशन करना चाहे तो उसको ग्रहण करने या संकलन करने का निषेध है, अतः आपसे निवेदन है कि अपना एक दिन का वेतन या पेंशन या अन्य किसी खेती या व्यापार से औसतन जो 1 दिन की आमदनी होती हो उस को 5 टुकड़ों में बांट कर पांचो खातों में सीधे दानस्वरूप तथा सहयोग स्वरूप डालने का कष्ट करें। किसी भी संगठन के माध्यम से यदि यह धनराशि दे दी जाएगी तो मृतकों के परिजनों को वह नैतिक बल नहीं मिलेगा जो तमाम लोगों के माध्यम से प्राप्त छोटी-छोटी धनराशि से मिलेगा। इससे समाज के उतने हिस्से का नैतिक समर्थन मिलने से उनका आत्मबल मजबूत होगा तथा ब्राम्हण द्रोहियों का मनोबल गिरेगा।
2 जिस दिन उन मृतकों के यहां बाल बनवाने की तारीख होगी उस दिन समस्त ब्राम्हण जनों से तथा उन पर आस्था रखने वाले हिंदू कर्मकांड में विश्वास रखने वाले अन्य सज्जनों से अनुरोध है कि वे उस तारीख को अपना तथा अपने परिवार के समस्त यज्ञोपवित धारियों के सिर के बाल छिलवा दें तथा इस पूरे भारतवर्ष या विदेश में जहां कहीं भी उनके शुभचिंतक हो उनसे ऐसा करने का अनुरोध करें। बाल छिलवाते समय की फोटो और बाद की फोटो अपनी अपनी id से अपनी अपनी पोस्ट पर डाल दें तथा छिले हुए बाल को तीन हिस्सों में बांटकर एक एक हिस्सा क्रमशः प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा को कुरियर कर दें तथा यह ज्ञापन भी दें कि या तो इस मामले की CBI जांच कराई जाए अन्यथा इस मामले की जांच में स्थानीय पुलिस पर विश्वास तभी कायम होगा जब स्वामी प्रसाद मौर्य को बर्खास्त कर इस मामले की जांच की जाए।इसके अलावा मृतकों के परिजनों को एक एक करोड़ रुपये सहायता राशि के रूप में स्वीकृत किया जाए।
इससे शासन में बैठे हुए तथा 2019 का चुनाव लड़ने वाले समस्त दलों के ब्राम्हण द्रोही मानसिकता वाले नेताओं का हौसला पस्त होगा और आप सब का मनोबल बढ़ेगा क्योंकि आत्मविश्वास से ही मनोबल बढ़ता है।
3 जो ब्राह्मण विपक्ष के किसी राजनैतिक दल में हों वे अपने बनवाये हुए बाल के चार टुकड़े कर के एक टुकड़ा तथा ज्ञापन अपने पार्टी के राष्ट्रीय हाईकमान को कूरियर कर दें कि वे इस मामले पर अपना रुख तत्काल स्पष्ट करें तथा ये बताएं कि वे घटनास्थल की visit करने तथा परिजनों को सांत्वना देने के लिए कब समय निकाल रहे हैं।
शासक दल अथवा विपक्षी दल के जो लोग अपने हाईकमान से प्राप्त response से संतुष्ट न हों वे अंतरात्मा की आवाज पर उस दल से त्यागपत्र दे दें।
4 ब्रह्म भोज की तारीख को प्रतीकात्मक रुप से अपने यहां एक गोष्ठी बुलाएं तथा सामूहिक भोजन करें एवं भविष्य की रणनीति तय करें।
हम क्या थे,अब क्या हो गए,
और क्या होंगे अभी?
आओ विचारें आज मिलकर,
ये समस्याएं सभी।।
सिद्धान्त अपना पलट देंगे,
डार्विन साहब यहां।
हो क्षुद्रकाय अबोध नर,
बन्दर बनेंगे जब यहां।
“मैथिली शरण गुप्त”
डार्विन साहब ने विकास के सिद्धांत को प्रतिपादित किया था कि किस प्रकार बन्दर विकसित हो कर मनुष्य बना था। अब किस प्रकार से विकसित मनुष्यों को बन्दर बनाने की तैयारी हो रही है- ये हर गावँ में, हर कस्बें में तथा हर चौपाल में ब्रह्मभोज के दिन आयोजित गोष्ठी का एजेंडा होगा।
सिर की टोपी को पैर की जूती बनने से कैसे रोकें इसपर चिंतन मनन किया जाए।
चिंतन मनन में आये बिंदुओं को अपनी अपनी id से समस्त भाग लेने वाले लोग अपनी अपनी post पर डालें। इससे आपकी संकल्प शक्ति का लोगों को एहसास होगा तथा अकेलेपन की भावना दूर होगी और ब्राह्मण द्रोहियों के हौसले पस्त होंगे।
यह अत्यंत कष्ट का विषय है कि सत्ता की तरफ से किसी ने मलहम नहीं लगाया है। उल्टे स्वामी प्रसाद मौर्य जले पर नमक छिड़क रहे हैं।
5 समस्त ब्राह्मण सभाओं से अनुरोध किया जाता है कि वे अपने अपने स्तर से इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दें अन्यथा परशुराम जयंती पर फरसा चमकाने का उनका नैतिक अधिकार समाप्त हो जाएगा। ध्यान रहे कि मैंने कई विस्तृत लेखों में लिखा है कि जमदग्नि परशुराम के पिता हैं।
जमदग्नि का गला कटने पर ही किसी परशुराम का उदय होता है। अब वह stage आ रही है।
समस्त बंधुओं से पुनः सहयोग के लिए अपील की जाती है।