Wednesday, 8 June 2016

‘मोदी सरकार का संसोधित अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (01जनवरी 2016 से लागू) के निहितार्थ एवम उसके भविष्य के सामाजिक परिणाम’ --- (भाग-2)

‘मोदी सरकार का संसोधित अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (01जनवरी 2016 से लागू) के निहितार्थ एवम उसके भविष्य के सामाजिक परिणाम’ --- (भाग-2) 
SC/ST Act संसोधन 2016 में लिखा है I अगर अम्बेडकर के सम्मान के खिलाफ कोई बोल दे या उनके ग्रन्थ को फाड़ दे, या मूर्ति को तोड़ दे तो यह गंभीर अपराध है तथा उसको २ महीने में दण्डित कर दिया जाये. किन्तु यदि माँ दुर्गा को JNU में भाजपा सांसद की उपस्थति में भयानक गन्दी गलिया दी जाये तो उस मामले में FIR तक न हो. यह कहा का न्याय है ? किसी भी महापुरुष या धर्मगुरु के विरुद्ध व्यक्तिगत को विषवमन दंडनीय होना चाहिए--- यह मै भी मानता हूँ किन्तु इस में भेदभाव नही होना चाहिए I यदि कमलेश तिवारी दण्डित होते है तो माँ दुर्गा को गली देने वालो को वही दंड मिलना चाहिए I अम्बेडकर की मूर्ति तोडना या गाली देना दंडनीय होना चाहिए किन्तु गाँधी को ‘शैतान की औलाद’ कहने वालो को भी दण्ड मिलना चाहिए I केवल अनुसूचित जातियों और अल्पसंख्यको के महापुरुष या आराध्य गली न खाए तथा बहुसंख्यको के महापुरुष तथा आराध्य देव गाली खाए --- यह मोदी द्वारा लागू की गयी व्यवस्था एक अहम स्थिति है-
है शांति जलधि में ज्वार भरा
नीरव में हाहाकार भरा II
दिनकर ने क्रान्ति के बारे में लिखा है की ---
‘जिस दिन रह जाता क्रोध मौन,
वह मेरा भीषण जन्म लगन II
हम चाहते है कि क्रांति न हो तथा शांति व्यव्स्था बनी रहे I इसके लिए आवश्यक है कि अत्याचार की लक्ष्मण रेखा को न लांघा जाये I मोदी तथा स्वयं को दुर्गाभाक्त घोषित करने वाली स्मृति ईरानी को यह सुरक्षित करना ही पड़ेगा कि माँ दुर्गा को गाली देने वाले तथा मनुस्मृति जलाने वालो पर कारवाही हो I क्रमशः ......

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