Tuesday, 5 April 2016

मनुवादी पार्टी ही क्यों ?
इतनी सारी पार्टियों के जमघट में एक नई पार्टी की आवश्कता क्या है ? यह पहला सवाल उठता है | प्रश्न है - समान विचारधारा की पार्टियाँ कहाँ है ? मनुवादी पार्टी सवर्णों की पार्टी नहीं है - किसी जाति की पार्टी नहीं है | जो वर्णाभ्रम व्यवस्था में विश्वास रखते हैं - ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र - इस वरिष्ठता सूची में विश्वास रखते हैं - वे मनुवादी हैं | यदि कोई शूद्र मानता है कि वर्णाभ्रम व्यवस्था सही है तो वह मनुवादी है तथा यदि कोई ब्राम्हण या क्षत्रिय मानता है  कि 'यदि अम्बेडकर साहब भी अवतरित हो जायें तथा माँग करें कि मैं आरक्षण समाप्त कर दूं तो आरक्षण समाप्त नहीं होगा' तो वह मोदीवादी, अम्बेडकरवादी, लोहियावादी या समाजवादी है |
      मनुवादी पार्टी जाति के आधार पर वोट नहीं देती है |बसपा की तरह उसके लिए बिचारधारा मुख्य है | बसपाई वोटर कभी जाति - पांति पर वोट नहीं करता है | वह अपने हितों के पक्ष में वोट करता है | कल्पना कीजिए कि बसपा का प्रत्याशी कोई ब्राम्हण या क्षत्रिय हो तथा समाजवादी पार्टी, कांग्रेस तथा भाजपा - इस जनरल सीट से तीनों एक - एक दलित को टिकट दे दें, तो 90% दलित दलित जाति में उत्पन्न व्यक्ति को वोट नहीं देंगे, बल्कि हाथी के टिकट पर ब्राम्हण या क्षत्रिय को वोट दे देंगे | दलित जब जातिवाद से मुक्त हो गया, तब वह इस लायक हो पाया कि एक से दिग्गज ब्राम्हण क्षत्रिय तथा यादव बीर सर्वसम्मति से मायावती का चरणचापन करने लगे | दलित को इतना कड़ा अनुशासन बनाना पड़ा कि करवरिया - परिवार तक को मायावती दलित वोट बैंक ट्रांसफर करा ले गईं, जिन्होंने दलितों की कितनी बड़ी सेवा की है इसे जमाना जनता है | स्टेटगेस्ट हॉउस कांड के बारे में अन्ना महराज के बारे में तमाम किवदंतियां हैं कि उनकी स्टेटगेस्ट हाउस कांड में क्या भूमिका थी | किन्तु जब मायावती ने मंच पर खड़ी हो कर ललकारा -
चढ़ गुंडों की छाती पर
बटन दबेगी हाथी पर
तो उसने वोट अन्ना महराज को ही उन्नाव में दिया | दलित वोट इस समय पूर्णरूपेण जाति - वाद से मुक्त हैं | इसी प्रकार जिस दिन मनुवादी वोट जातिवाद से मुक्त हो जायेगा, जिस दिन मनुवादी विचारधारा का वोटर यह जान लेगा कि मनुवादी पार्टी के झंडे के नीचे संघर्ष कर रहे दलित या पिछड़े को वोट दे दो किन्तु भजपा या कांग्रेस या अन्य पार्टी के ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य को वोट मत दो - उस दिन मनुवादी पार्टी पूरे देश में extra - constitutional authority  बन जायेगी |

क्रमशः ....

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