JNU में मनुस्मृति जलाई गयी
पाप का घड़ा भर गया
मनुवादी पार्टी क्या करेगी
कोई संघर्ष नही, धरना प्रदर्शन नही |
उदितराज फार्मूले पर कार्यवाही होगी
शमीक फार्मूले पर तक्षक नाग की प्रतीक्षा
पाप का घड़ा भर गया
मनुवादी पार्टी क्या करेगी
कोई संघर्ष नही, धरना प्रदर्शन नही |
उदितराज फार्मूले पर कार्यवाही होगी
शमीक फार्मूले पर तक्षक नाग की प्रतीक्षा
चाणक्य फार्मूला
अल्लामा इकबाल ने मनुवादी गर्जना की है --
" हँसता है बिजलियों पे
ये आशियाँ हमारा "
( हमारा घोंसला बिजलियों पर हँसता है )
ये आशियाँ हमारा "
( हमारा घोंसला बिजलियों पर हँसता है )
किसी और ने भी लिखा है ---
" मिटा न पाई नादिरशाही
तैमूरी तलवार जिसे
कर न सके औरंगजेबी
अत्याचार अज़ी मिस्मार जिसे | "
तैमूरी तलवार जिसे
कर न सके औरंगजेबी
अत्याचार अज़ी मिस्मार जिसे | "
यद्यपि अल्लामा इक़बाल ने हमारी कमियों को गिनाते हुए हमे चेतावनी दी है---
सच कह दूँ रे बरहमन
गर तू बुरा न माने
तेरे सनमकदे के
बुत हो गये पुराने
अपनो से बैर करना
तूने बुतों से सीखा
भुलवा दिए जो अपने
सिद्धान्त थे पुराने |
गर तू बुरा न माने
तेरे सनमकदे के
बुत हो गये पुराने
अपनो से बैर करना
तूने बुतों से सीखा
भुलवा दिए जो अपने
सिद्धान्त थे पुराने |
तथा , इसका फलादेश भी दिया है---
" बड़े गौर से सुन रहा था जमाना
तुम्ही सो गये दास्ताँ कहते कहते "
तुम्ही सो गये दास्ताँ कहते कहते "
और अंत में अल्लमा इकबाल ने अभिशप्त किया है --
" तेरी दास्ताँ न होगी
ऐ दास्ताँ वालो "
ऐ दास्ताँ वालो "
फिर भी हमारा लड़ने का तरीका अलग है | सत्ता हमारे धैर्य की परीक्षा लेती है |
मनुवादी संघर्ष शैली का परिचय देते हुए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' ने लिखा
है ---
तीन दिवस तक पंथ मांगते
रघुपति सिन्धु किनारे
बैठे पढ़ते रहे छंद
अनुनय के प्यारे प्यारे
उत्तर में जब एक नाद भी
उठा नही सागर से
उठी अंधीर धधक पौरुष की
आग राम के शर से
सिन्धु देह धर त्राहि त्राहि
करता आ गिरा शरण में
चरणपूज दास्ताँ ग्रहण की
बंध मूढ़ बंधन में |
रघुपति सिन्धु किनारे
बैठे पढ़ते रहे छंद
अनुनय के प्यारे प्यारे
उत्तर में जब एक नाद भी
उठा नही सागर से
उठी अंधीर धधक पौरुष की
आग राम के शर से
सिन्धु देह धर त्राहि त्राहि
करता आ गिरा शरण में
चरणपूज दास्ताँ ग्रहण की
बंध मूढ़ बंधन में |
मनुवादी संघर्ष की शैली चाणक्य की है | चाणक्य की चोटी पकडकर खीची गयी-- जाट
शैली में वह तुरंत संघर्ष में नही उतर गया | मनुवादी गर्जना सुनिए ----
मित्र हम तो वंशधर चाणक्य के है
वक्त पर तेवर दिखाना जानते है
राजसत्ता चरण की दासी रही है
हम चलन उसको सिखाना जानते है |
वक्त पर तेवर दिखाना जानते है
राजसत्ता चरण की दासी रही है
हम चलन उसको सिखाना जानते है |
चाणक्य अन्तर्धान हो गया | प्रकट तब हुआ जब पूरी तैयारी हो गयी तथा नंदवंश का
विनाश सुनिश्चित हो गया | परशुराम तथा पुष्यमित्र का संघर्ष एक अपवाद है | ललकार
कर लड़ने में एक अपवाद अश्वत्थामा का भी गिन सकते है | Exception only proves the rule | मनुवादी पार्टी के जिस रूप को हम लेकर चल रहे है
, वह वामन शैली के संघर्ष की है -- साढ़े तीन पग जमीन - न बिस्वा, न बीघा , न एकड़ ,
न हेक्टेयर में , तीन पैर में तीनो लोक नाप लिया , आधे पैर में राजा बलि की पीठ
नाप लिया | हमारा संघर्ष मोहिनी शैली का है जिसमे समुद्रमंथन कोई करे , कौन अमृत
पियेगा तथा कौन सुरा पियेगा इसका फैसला हम करते है | हमारी लड़ाई शमीक मुनि शैली की
है , जिसमे परीक्षित द्वारा शमीक मुनि के गले में सांप डाल देने के बाद भी उनका
क्रोधी पुत्र तक हाथापाई पर नही उतरा बल्कि परीक्षित के पाप का फल देने का दायित्व
तक्षक सांप पर डाल दिया |हम अभी शासन की प्रतिक्रिया देख रहे है | हम जेहाद के
पहले कर्बला में विश्वास करते है --
" उरुजे इस्लाम होता है
हर कर्बला के बाद "
हर कर्बला के बाद "
"बिना कर्बला के जेहाद में दम भी नही आता | जब जिन्ना ने पकिस्तान बनाने
की मांग की तथा डाइरेक्ट ऐक्शन ( सीधी कार्यवाही ) का ऐलान किया तो एक पत्रकार ने
जिन्ना से पूछा कि क्या हिन्दू - मुस्लिम दंगे होंगे , क्या आप हिन्दुओ के खिलाफ
इसे मोड़ोंगे तो जिन्ना का उत्तर था -" नही " | पहले चरण में हम
कांग्रेसी मुसलमानों से निपटेंगे | हम कांग्रेसी मुसलमानों को ठीक कर देंगे तथा
ऎसी स्थिति पैदा कर देंगे कि कोई मुसलमान कम से कम पकिस्तान का विरोध न करे | फिर
पकिस्तान तो हमारी मुट्ठी में है |"
उसी प्रकार हम पहले चरण में कांग्रेस तथा भाजपा को जनता में एक्सपोज करेंगे | हम अटल विहारी बाजपेयी जैसे वीर नही है कि कारगिल की लड़ाई कारगिल में लडे और दुश्मन जब पीछे हट जाये तो विजयदिवस मनाकर मन्त्र मुग्ध हो जाये | हम लाल बहादुर शास्त्री की तरह कच्छ और छम्ब की लड़ाई को लाहौर में लड़ने में विश्वास रखते है | जहाँ शत्रु choose करके हमला करे , हम वहाँ मुकाबला करें -- ऐसी हमारी रणनीति नही है | हम JNU की लड़ाई को JNU में नही लड़ेंगे | आने दीजिये चुनाव U.P. में इलाहाबाद , बनारस , लखनऊ , गोरखपुर जैसे विश्वविद्यालयों में | कोई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का प्रतिनिधि जब आइसा के खिलाफ वोट मांगने आयेगा तो हम कहेंगे कि दिल्ली की पुलिस केजरीवाल के अधीन नही है , भाजपा के अधीन है | यदि छात्रसंघ के पर्चा दाखिले के पहले माँ दुर्गा को गाली देने वालो के तथा मनुस्मृति को जलाने वालो के विरुद्ध उस स्तर की कार्यवाही नही हुई जिस स्तर की कार्यवाही कमलेश तिवारी के विरुद्ध हुई थी, तो हमारा छात्र संगठन यदि न भी लड़ रहा होगा तो भी हम आपको वोट नही दे पाएंगे | अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् को यह स्पष्टीकरण मनुवादी विचारधारा के छात्रो को देना होगा कि यह कार्यवाही कब तक तथा कितनी तीव्रता की होगी |
उसी प्रकार हम पहले चरण में कांग्रेस तथा भाजपा को जनता में एक्सपोज करेंगे | हम अटल विहारी बाजपेयी जैसे वीर नही है कि कारगिल की लड़ाई कारगिल में लडे और दुश्मन जब पीछे हट जाये तो विजयदिवस मनाकर मन्त्र मुग्ध हो जाये | हम लाल बहादुर शास्त्री की तरह कच्छ और छम्ब की लड़ाई को लाहौर में लड़ने में विश्वास रखते है | जहाँ शत्रु choose करके हमला करे , हम वहाँ मुकाबला करें -- ऐसी हमारी रणनीति नही है | हम JNU की लड़ाई को JNU में नही लड़ेंगे | आने दीजिये चुनाव U.P. में इलाहाबाद , बनारस , लखनऊ , गोरखपुर जैसे विश्वविद्यालयों में | कोई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का प्रतिनिधि जब आइसा के खिलाफ वोट मांगने आयेगा तो हम कहेंगे कि दिल्ली की पुलिस केजरीवाल के अधीन नही है , भाजपा के अधीन है | यदि छात्रसंघ के पर्चा दाखिले के पहले माँ दुर्गा को गाली देने वालो के तथा मनुस्मृति को जलाने वालो के विरुद्ध उस स्तर की कार्यवाही नही हुई जिस स्तर की कार्यवाही कमलेश तिवारी के विरुद्ध हुई थी, तो हमारा छात्र संगठन यदि न भी लड़ रहा होगा तो भी हम आपको वोट नही दे पाएंगे | अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् को यह स्पष्टीकरण मनुवादी विचारधारा के छात्रो को देना होगा कि यह कार्यवाही कब तक तथा कितनी तीव्रता की होगी |
हम द्रौपदी के चीरहरण के लिए जितना
दोषी दुर्योधन और दुशासन को मानते है , उससे कम दोषी युधिष्ठिर को नही मानते -
आखिर द्रौपदी को जुएँ में दांव पर तो युधिष्ठिर ने ही लगाया था | द्रौपदी के शील
की रक्षा का दायित्व पाणिग्रहण के अवसर पर युधिष्ठिर ने लिया था | आज ओबामा को खुश
करने के लिए, Amnesty International से प्रशस्तिपत्र पाने के लिए , World opinion में स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए तथा भारत में
पुरस्कार लौटाने वैले छद्म बुद्धिजीवियो तथा धर्मनिरपेक्षतावादियों को संतुष्ट
करने के लिए तथा विकास के लिए मोदी जी माँ दुर्गा को गाली देने वालो तथा मनुस्मृति
जलाने वालो के खिलाफ कमलेश तिवारी के स्तर की कार्यवाही करना तो दूर FIR तक नही
लिखवा पा रहे | जैसे मोदी जी को विकास पुरुष कहा जाता है वैसे भी "पुण्यश्लोको
युधिष्ठिर" कहा जाता है | मनुस्मृति के जलने तथा माँ दुर्गा के अपमान के बाद
जिस भाव से द्रौपदी ने भीष्म पितामह , द्रोणाचार्य तथा कृपाचार्य को देखा था ,
उतनी ही श्रध्दा के भाव मेरे मन में योगी आदित्यनाथ , साध्वी प्राची , साक्षी जी
महाराज , सुब्रह्मण्यम स्वामी , उमा भारती, महंत नृत्यगोपाल दास तोगड़िया या वरुण
गाँधी के प्रति उभर रहे है | हमारा अन्तर्मन चीख रहा है :- कहाँ है स्व महंत
दिग्विजय नाथ ? कहाँ है स्व बाल ठाकरे ? कम से कम स्वर्ग से अपने वंशजो तथा
उत्तराधिकारियों को स्वप्न क्यों नही देते |
फिर भी यदि 440 वोल्ट का करेंट नही लगा तो हम 2017 के विधानसभा में वोट मांगने
जब कोई विश्व हिन्दू परिषद् का कार्यकर्ता या गेरुआधारी संत आएगा तो प्रणाम करके
निवेदन करेंगे कि आपने जो सरकार बनवाई वह दिल्ली में है - आचार संहिता के दौरान
criminal case में कार्यवाही करने पर कोई रोक नही है तथा criminal case कभी time
barred नही होता | यदि आप माँ दुर्गा के गाली देने वालो तथा मनुस्मृति जलाने वालो के
खिलाफ उस स्तर की कार्यवाही नही करा पाते जिस स्तर की कार्यवाही कमलेश तिवारी के खिलाफ की गयी थी , तो हमारे
दरवाजे पर वोट मांगने का नैतिक अधिकार राजनीति की दूकान में आपने खो दिया | हम
कमलेश तिवारी की रिहाई की मांग नही कर रहे कि आपका राजधर्म बाधक हो | हम Right to
Equality ( Article 14 ) की मांग कर रहे है कि सबके लिए एक जैसा कानून हो | Common
Civil Code आप लागू करे या न करे आपका विवेक किन्तु same punishment for same
offence तो आपको लागू करना ही पड़ेगा | blasphemy के मुद्ददे पर आज़म खां , ओवैसी
तथा शाही इमाम तक आपके खिलाफ नही बोल सकते |
यदि केवल मनुवाद की A team तथा B
team में समाहित मनुवादी वोटो का मात्र 10 % भाग transferable vote bank बन जाये तो जिस प्रकार
मुलायम ने स्टेट गेस्ट हॉउस कांड में इतना सुस्पष्ट पाठ पढ़ा दिया कि मायावती न तो
कभी कोई धर्मग्रंध फूंकती है , न गाली बकती है - उल्टे सर्वसमाज की बात करती है -
दलितों से अधिक टिकट ब्राह्मणों तथा क्षत्रियो को देती है तथा जिस प्रकार मायावती
के पलटी मारने के एक पाठ में नेताजी मुलायम सिंह जी समझ में आ गया कि 85 % की लड़ाई
में कुछ नही रखा है तथा 100% की लड़ाई लड़ो और परशुराम जयंती को सार्वजानिक अवकाश
घोषित करो , उसी प्रकार अगर मनुवादी पार्टी के तत्वावधान में केवल 10% वोट पलटीमार
वोट बैंक ( transferable vote bank ) बन जाये तो मायावती तथा मुलायम में हमारे इस
वोट बैंक को बटाई पर लेने की होंड लग जाएगी तथा वे बतायेंगे कि कौन अधिक फसल
उपजाकर अधिक प्राफिट देगा | जिस दिन हमारी आँखों से मनुस्मृति के जलाये जाने का दुःख दो बूँद आंसू
बनकर गिरेगा, उस दिन प्रलय आ जाएगी | मुलायम सिंह जी बोलेंगे -- ये अपना 10% वोट
हमे दे दीजिये - हमारी performance sheet देख लीजिये | हमने माननीय उच्च न्यायलय के
खिलाफ हल्ला बोला है -- माननीय न्यायमूर्तियो का पत्राचार पढ़ लीजिये कि हम क्या है
| हमने जागरण पर हल्ला बोला है | 10 % वोट बढ़ाने की औकात दिखा दीजिये - हम गद्दार
नही है | हनुमान चालीसा पीढियों से पढने के बाद भी हमने अयोध्या में गोलियां चला
दी | 10 % वोट आ जाये तो हम IPC Cr.P.C. की धाराओ से बंधे नही है | हमारी लोहिया
वाहिनी नास्तिको को right line पर ला देगी | बची खुची कसर मुलायम सिंह यादव यूथ
ब्रिगेड पूरी कर देगी | एक हल्ला बोल के बाद ये मनुस्मृति की आरती उतारेंगे तथा
माँ दुर्गा का जागरण करायेंगे वरना अगली बार फिर उल्टा वोट करके हमे निपटा
दीजियेगा | हम लोहिया के चेले है जिन्होंने जिन्होंने सीधा मार्क्स को चैलेन्ज
किया था " भारत में मार्क्स सिर के बल खड़ा था - हमने उसे पैर के बल खड़ा कर
दिया " अर्थात मार्क्स के वर्ग संघर्ष को लोहिया ने ही वर्ण - संघर्ष में बदलकर
मार्क्स का समापन कर दिया था अर्थात लोहिया न होते तो बंगाल तथा केरल की तरह
मार्क्स पूरे भारत में फ़ैल गया होता |" मायावती जी अपनी project report पेश
करेगी -- " मै कहने में नही करने में विश्वास करती हूँ | माँ दुर्गा को गाली
देने वाले तथा मनुस्मृति जलाने वालो को मै वैसे ही समझा दूँगी जैसे मैंने उदितराज
को समझा दिया था | उदितराज justice party बनाये था - उसकी सोंच थी की भारत में
injuslice है , intolerance है किन्तु मेरे मेरे एक ही lecture में उसकी समझ में
गया कि justice तथा loterance की प्रतीक केवल भाजपा है | इतना brainwash हो गया कि
justice party को windup करके सीधे भाजपा की गोद में गिरा तथा JNU की सारी
गतिविधियों तथा सेकुलर तत्वों के पुरस्कार
वापसी के बावजूद उसमे इतना साहस नही आया कि फिर अनाप शनाप बके | ऐसे ही JNU
brigade का ह्रदय परिवर्तन हो जायेगा |"
हम बटाई पर खेती कराने के
specialist है | यह धरती देवताओ ने ब्राह्मणों को दी थी - ब्राह्मणों ने उसको
क्षत्रियो को सौप दिया | क्षत्रियो ने भी जमीन पर tax वसूला, खुद खेती नही की - वे
भी किसी और को दे दिए |क्षत्रियो ने जिनको टैक्स पर दिया उन लोगो ने भी labourerss को involve किया | तो
फिर हम संघर्ष कैसे करेंगे ? दिनकर ने लिखा है ----
देवताओ की नदी में
ताप की लहरे न उठती
किंतु नर के रक्त में
ज्वालामुखी हुंकारता है
देवता शीतल, मनुज अंगार है
ताप की लहरे न उठती
किंतु नर के रक्त में
ज्वालामुखी हुंकारता है
देवता शीतल, मनुज अंगार है
हुंकार भरना हमारा काम नही है | हुंकार भरने के लिए मुलायम सिंह तथा कल्याण
सिंह बैठे है | ललकारा देने के लिए मायावती बैठी है | "चढ़ गुंडों की छाती पर"
उनका नारा है | कभी कबार सोच समझकर ललकारने की जरुरत पड़ जाये तो उसके लिए राजनाथ
सिंह पाल पोशकर बड़े किये गये है | मनुवाद की घोषणा है -----
काव्यशास्त्रविनोदेन
कालो गच्छति धीमताम्
मूर्खानां तु व्यसनेन
निद्रया कलहेन वा
कालो गच्छति धीमताम्
मूर्खानां तु व्यसनेन
निद्रया कलहेन वा
( काव्य और शास्त्र के विनोद से बुद्धिमानो का समय बीतता है | मूर्खो को समय बिताने के लिए निद्रा , कलह तथा व्यसन का सहारा लेना पड़ता है | )
हम मनुस्मृति के जलाने का तथा माँ
दुर्गा के अपमान का बदला लेने के लिए कुछ जगह अपना 10 % का वोटबैंक बटाई पर दे
देंगे | हम transferable vote bank की साधना कर रहे है - घर घर में घरेलू
वार्तालाप के माध्यम से | हमारे स्वयंसेवक meeting नही करते | रोज दस घरो में या
समय होने पर कम से कम 1 तथा भरसक एक से 5 घरो में एक कप चाय पीकर मनुवादी agenda
की चर्चा करते है | एक से एक कट्टर कांग्रेसियों तथा संधियों की आँखों में एक चमक
आ जाती है तथा पूंछ बैठते है --
'क्या बेटा सचमुच मनुवाद आ सकता है |' हमारा कार्यकर्ता उनको pressure group की philosophy में दीक्षा देता है कि हम चुनाव जीतने की चिंता में नही है - 10% transferable vote bank का निर्माण होते होते दी यह कहावत चरितार्थ हो जाएगी ---
'क्या बेटा सचमुच मनुवाद आ सकता है |' हमारा कार्यकर्ता उनको pressure group की philosophy में दीक्षा देता है कि हम चुनाव जीतने की चिंता में नही है - 10% transferable vote bank का निर्माण होते होते दी यह कहावत चरितार्थ हो जाएगी ---
रुख से पर्दा हटा दे
ऐ साकी जरा
रंग महफ़िल अभी
ये बदल जायेगा
जो कि बेहोश है
होश में आएगा
जो कि गिरता है वो भी
संभल जायेगा ||
ऐ साकी जरा
रंग महफ़िल अभी
ये बदल जायेगा
जो कि बेहोश है
होश में आएगा
जो कि गिरता है वो भी
संभल जायेगा ||
उस समय हम extra constitutional authority बन चुके होंगे जैसे प्राचीन काल में
ब्राह्मण थे , 1857 के पहले ast India
Company थी , अमेरिका में इजराइली लाबी है , मनमोहन युग में सोनिया गाँधी
थी | transferable vote bank प्रजातंत्र का atom bomb है | transfer vote bank को
मायावती ने बनाया तो जरुर लेकिन सत्ता की चकाचौंध ने उनका launching pad छीन लिया
| व्यास जी नाक दबाकर बैठ गये - कोई जीते उन्ही के चरण दबाएगा | मायावती सत्ता की
दौड़ में आ गयी - व्यास की तरह नाक दबाकर प्राणायाम नही कर पाई | आज मायावती सत्ता
की दौड़ में नही होती तो हर पार्टी से तलवे चटवा रही होती | लेकिन इसके लिए तपस्या
करनी होती है | रोज़ भोजन करने वाले रोटी दाल खाते है | मलाई वह पंडा खाते है जो
उपवास करके गंगाजल जमुनाजल पीकर रह लेते है | राष्ट्रकवि दिनकर लिखते है कि --
धन्य पुरुष जो वर्ष वर्ष
निष्काम उपोषित रह कर
अपनी क्षुदा तीव्र
जठरानल दीपित कर लेते है
सतत भोगरत नर क्या जाने
तीक्ष्ण स्वाद भोगो का
उसे जानता वह जिसने
कुछ दिन उपवास किया हो |
निष्काम उपोषित रह कर
अपनी क्षुदा तीव्र
जठरानल दीपित कर लेते है
सतत भोगरत नर क्या जाने
तीक्ष्ण स्वाद भोगो का
उसे जानता वह जिसने
कुछ दिन उपवास किया हो |
केवल 10 % वोट किसी पार्टी का आस्तित्व समाप्त करने के लिए काफी है | शर्त यह
है कि वह 0 सीट पर आने को तैयार हो | यदि हम मनुवादी शून्य विधानसभा देखने को
तैयार हो तो हम सपा , भाजपा , कांग्रेस , बसपा जिसको चाहे शून्य कर सकते है | जिस
पार्टी को शून्य करना है , सीट दर सीट एक सर्वे हो जायेगा कि उस सीट पर उस पार्टी
का किससे मुकाबला है | without applying mind and without going into the merits
of the party and the candidate - बिना मष्तिस्क का अनुप्रयोग किये हुए तथा बिना
कंडीडेट अथवा पार्टी के गुण अवगुण को दृष्टिगति किए किसी को जिताने के लिए नहीं बल्कि
हराने के लिए - विकास के लिए नही बल्कि हम जिसे पापी समझे उसके विनाश के लिए
विनाशाय च दुष्कृताम- वोट देने को - negative voting को ही transferable votebank
की साधना माना गया है | हम कोई सदस्यता -अभियान नही चला रहे है | मात्र काना फूसी
कर रहे है | 2017 में इसका चमत्कार दिखाई देगा जब चर बड़ी पार्टियो में किन्ही 2
पार्टियों को हम चैलेन्ज देकर अख़बार तथा टी. वी. में घोषणा करके 0 सीट पर पंहुचा
देंगे | तब समझ आयेगा कि transferable votebank किसे कहते है |
जिन्हें इस transferable vote
bank के बूते मलाई खानी होगी वे हमे extra- constitutional authority मानने को
मजबूर होंगे , वरना जो 2017 में U.P. में शासक दल होगा उसको हम 2019 में 0 सीट पर
लाकर दिखा देंगे | कल्पना कीजिए कि 2014 के चुनावो में सपा की 5 पारिवारिक सीटो
में मायावती ने जीतने का प्रयास न करके अपना वोट BJP में transfer करा दिया होता
तो 5 सीटो में सपा कितनी जीत पाती | यदि अमेठी सीट पर मायावती ने स्मृति ईरानी को
गुप्त आशीर्वाद दे दिया होता तो क्या होता -- इसकी कल्पना कर लीजिये आप
transferable votebank की महिमा समझ जायेंगे | नेता लोग आपसी सामंजस्य से राज्य चलाते
है | राजनाथ सिंह के खिलाफ सपा अशोक बाजपेयी को बिठा देती है तथा मोदी कन्नौज में
- जहाँ neck to neck fight थी - कांटे की कुश्ती थी - public meeting नही करते |
cricket- match में कभी - कभी match fixing होती है | politics meeting नही करते |
cricket match में कभी - कभी match fixing होती है | politics में यह रोज का काम
है | इसी match fixing को तोड़ने का काम transferable vote bank का ब्रह्मास्त्र
करता है | हम इसी महामंत्र की साधना में लगे है | तब तक के लिए हम माँ दुर्गा तथा
मनुस्मृति की आत्मा से क्षमायाचना करते हुए निवेदन कर रहे है --
कछुक दिवस जननी धरि धीरा
अइहै कपिन्ह सहित रघुवीरा |
अइहै कपिन्ह सहित रघुवीरा |
10 % transferable vote की साड़ी पहन कर जिस दिन हम stage पर नृत्य करेंगे ,
हमे किसी को मारना नही होगा | माँ दुर्गा को गाली देने वैले तथा मनुस्मृति जलाने
वाले स्वयं भस्मासुर बन जायेंगे - उन्हें जलाना नही पड़ेगा | मोहिनी रूप में आते ही
हम यह तय करने लायक होंगे कि कौन सुधा पिए और कौन सुरा | तब तक हमारे देवाधिदेव
विषपान करे - तभी तो हमारे असफल होने की स्थिति में काशी का शंकर प्रलयंकर हो
जायेगा | बाबा का आशीर्वाद हमारे साथ है | माँ दुर्गा का हाथ हमारे सिर पर है - हम
अपने विरोधियों को भस्मासुर बना देंगे |
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